इस दौरान आधार-समग्र लिंक के आधार पर परिवार की आर्थिक स्थिति का पता भी लगाया गया। पता चला है कि कुछ महिलाओं ने सरकारी कर्मचारियों की पत्नी होते हुए भी फार्म भर दिए हैं। कुछ का परिवार सरकारी पेंशन भी पा रहा है। कुछ के घर में ट्रैक्टर और बड़ी कार भी खड़ी है। परिवार के पास पांच एकड़ से अधिक जमीन है। इसके अलावा यह तथ्य भी सामने आया कि आधार कार्ड में लगी महिला की फोटो और फार्म भरवाते समय ली गई फोटो आपस में मैच नहीं कर पा रही है। ये सब आपत्तियां होने पर पंचायत एवं नगरीय निकायों के अधिकारी और कर्मचारी इनका निराकरण करेंगे। आगामी 10 जून 2023 को मुख्यमंत्री इन महिलाओं के खाते में एक हजार रुपए जमा कराएंगे।
ग्रामीण महिलाओं ने जमा कराए ज्यादा फार्म
महिला बाल विकास विभाग के आंकड़ों के अनुसार जिले में कुल 391834 फार्म भरे गए। इनमें नगर निगम समेत 17 नगरीय निकायों में 78678 तथा 11 जनपद पंचायतों की अधीन पंचायतों में 313156 ऑनलाइन फार्म जमा कराए गए थे। ग्रामीण इलाकों का औसत 79.92 प्रतिशत तथा शहरी क्षेत्र का 20.07 प्रतिशत रहा।
महिलाओं को 10 जून का बेसब्री से इंतजार
अपवाद स्वरूप 3872 महिलाओं को छोड़ दिया जाए तो अधिकांश लाड़ली बहना बनने के योग्य पाई गई है। शहरी और ग्रामीण अंचल में ऐसी महिलाएं भी है, जिन्हें एक हजार रुपए भी नसीब नहीं होते हैं। वे इस राशि से अपना गुजारा कर पाएंगी। ऐसी महिलाओं को 10 जून का बेसब्री से इंतजार हैं।