करें खास केयर होली पर आपको केमिकलयुक्त रंगों से बचाव भी करना होगा। इसके लिए आप फुल बाह के कपड़े पहनें। घर से निकलने से पहले ऑयल व फेस पर क्रीम अच्छे से लगा लें, जिससे कलर का असर न हो सके।
एेसे तैयार करें रंग गुलाबी रंग: चुकंदर की जड़ को देर तक उबालें। पानी पूरी तरह गुलाबी होने पर ठंडा कर उसे छान लें। अब यह रंग होली खेलने के लिए तैयार है।
नारंगी रंग: टेशू के फूल को उबालें। कुछ ही समय में वे रंग छोड़ देंगे। अब ठंडा करें और उसे गाढ़ा करने के लिए मैदा मिक्स करें।
ग्रीन कलर: नीम की पत्ती को साफकर उबाल लें। अब उन्हें मिक्सी में पीस लें। पानी में घोलकर छान लें और इस्तेमाल करें।
लाल रंग: गुलाब व गुड़हल के फूल को पानी में उबालें। थोड़ी देर में ही पानी का रंग लाल हो जाएगा। अब उसे छानकर स्तेमाल करें।
पीला रंग: पलाश, टेशू व गेंदे के फूल को पानी में उबालें। गाढ़ा करने आप उसमें हल्का मैदा मिक्स कर सकते हैं।
केसरिया रंग: गुलमोहर की पत्तियों को उबालकर पीस लें। अब उसमें पानी मिलाएं और छान लें। केसरिया रंग तैयार है।
नारंगी रंग: टेशू के फूल को उबालें। कुछ ही समय में वे रंग छोड़ देंगे। अब ठंडा करें और उसे गाढ़ा करने के लिए मैदा मिक्स करें।
ग्रीन कलर: नीम की पत्ती को साफकर उबाल लें। अब उन्हें मिक्सी में पीस लें। पानी में घोलकर छान लें और इस्तेमाल करें।
लाल रंग: गुलाब व गुड़हल के फूल को पानी में उबालें। थोड़ी देर में ही पानी का रंग लाल हो जाएगा। अब उसे छानकर स्तेमाल करें।
पीला रंग: पलाश, टेशू व गेंदे के फूल को पानी में उबालें। गाढ़ा करने आप उसमें हल्का मैदा मिक्स कर सकते हैं।
केसरिया रंग: गुलमोहर की पत्तियों को उबालकर पीस लें। अब उसमें पानी मिलाएं और छान लें। केसरिया रंग तैयार है।
नेचुरल कलर की ऐसे करें पहचान यदि आप हर्बल कलर घर पर तैयार नहीं कर पा रहे, तो मार्केट से नेचुरल कलर परचेज कर सकते हैं, लेकिन उसके लिए आपको अवेयर रहना होगा। इसकी पहचान आप आसानी से कर सकते हैं।
– अधिकतर कलर में सेंट के साथ इंजन ऑयल मिलाया जाता है। सूंघकर आप नेचुरल कलर की पहचान कर सकते हैं।
– कलर घोलने पर यदि कुछ कण बचते हैं, तो उस कलर में अन्य तत्व मिले हैं।
– रंग को जलाने पर उससे सफेद की जगह किसी अन्य कलर का धुआं निकलता है, तो उसमें मिलावट है।
– कलर को हाथ में रखकर पानी की बूंद डालते ही कुछ देरे में जलन होने लगती है।
– अधिकतर कलर में सेंट के साथ इंजन ऑयल मिलाया जाता है। सूंघकर आप नेचुरल कलर की पहचान कर सकते हैं।
– कलर घोलने पर यदि कुछ कण बचते हैं, तो उस कलर में अन्य तत्व मिले हैं।
– रंग को जलाने पर उससे सफेद की जगह किसी अन्य कलर का धुआं निकलता है, तो उसमें मिलावट है।
– कलर को हाथ में रखकर पानी की बूंद डालते ही कुछ देरे में जलन होने लगती है।