पहली बार नाथुला दर्रा से शुरू होगी यात्रा
सक्किम के बागडोगरा गंगटोक होते हुए नाथुला दर्रा के नए मार्ग से भी इस बार यह विशेष और रोमांचक यात्रा लोग कर सकेंगे। तिब्बत स्वायत चीन में प्रवेश करते हुए पावन कैलाश पर्वत और मानसरोवर झील की परिक्रमा यात्री करते हैं। इस मार्ग में दिल्ली से बागडोगरा तक हवाई यात्रा कर पहुंचा जाता है। इसके बाद पूरी यात्रा सडक़ मार्ग से होती है। यह मार्ग इसी वर्ष भारत सरकार के अथक प्रयासों से प्रारम्भ हुआ है। इस मार्ग से 10 जत्थों के माध्यम से 500 यात्री यात्रा करेंगे जो 21 दिनों में सम्पन होगी। अब तक लिपुलेख दर्रा से ही यह यात्रा कराई जाती रही है। कुमाऊं मंडल उत्तराखंड के अल्मोड़ा, धारचूला, नारायणस्वामी आश्रम, सिरखा, गाला, बुधि, गूंजी, कालापानी होकर लिपुलेख दर्रा के पारम्परिक मार्ग से तिब्बत स्वायत चीन में प्रवेश करते हुए यात्री पावन कैलाश पर्वत और मानसरोवर झील की परिक्रमा की जाती है। यात्रा के दौरान यात्री पर्यटन और धार्मिक महत्व के अनेक स्थलों से गुजरते हैं। इस मार्ग से 18 जत्थों के माध्यम से 1080 यात्री यात्रा करेंगे जो 24 दिनों में सम्पन्न होती है।