करीब 15 मिनट तक गिरे बेर के आकार के ओले दमुआ. दमुआ में भी मंगलवार की दोपहर तीन बजे तेज हवाओं के साथ जमकर बारिश हुई। शाम करीब पांच बजे १५ से २० मिनट तक बेर के आकार के ओले गिरे। घरों की छतों तक में ओले जमा हो गए थे। सडक़ों पर भी मानो सफेद चादर सी बिछ गई हो। कुछ देर के लिए जनजीवन भी असामान्य हो गया। इस प्राकृतिक आपदा से किसानों की फसलों को भी काफी नुकसान हुआ है। कई जगहों पर पेड़ गिरने की खबर भी मिली है जिससे आवागमन बाधित रहा। बारिश होते ही विद्युत व्यवस्था चरमरा गई। दोपहर को हुई बंद हुई लाइट शाम तक शुरू नहीं होने से लोग परेशान नजर आए। लोगों के घरों की छत उड़ गई। हालांकि किसी प्रकार की कोई जनहानि नहीं हुई है। क्षेत्र में हो रहे वैवाहिक कार्यक्रम भी अचानक हुई बारिश से प्रभावित रहे।
नीमढाना जुन्नारदेव क्षेत्र के ग्राम नीमढाना में दोपहर को अचानक आंधी तूफान आने से जनजीवन प्रभावित रहा। बारिश के साथ ही ओलावृष्टि भी हुई। आंधी से नीमढाना निवासी अजय गुप्ता के घर की ऊपर की सीमेंट सीट उड़ गई। गृहस्थी के सामान को भी नुकसान पहुंचा है। ग्रामीणों ने ग्राम के सरपंच को इससे अवगत कराया। वहीं पटवारी से निरीक्षण कर मुआवजा दिलाने की मांग की गई है।
डुंगरिया. डुंगरिया सहित पनारा एवं आसपास के गांवों में मंगलवार को बारिश के साथ ओले गिरे। मंगलवार दोपहर को मौसम ने अपना मिजाज बदला और घने काले बादल छा गए तेज हवा एवं बारिश के साथ ओले गिरने शुरू हो गए। जमीन पर ओलों की सफेद चादर बिछ गई। आंधी तूफान से अजय धुर्वे के मकान की सीमेंट सीट उड़ गई। गृहस्थी को भी नुकसान पहुंचा हेै। पीडि़त ने मुआवजे की मांग की है।
कई गांवों में विद्युत आपूर्ति बंद बिछुआ विकासखंड के अंतर्गत आने वाले कई गांवों में विद्युत आपूर्ति बाधित रही। मंगलवार शाम में हुई बारिश व आंधी तूफान से जनजीवन प्रभावित हो गया। आंधी की वजह से कई जगह पेड़ गिर गए जिसकी वजह से बिजली के तार गिर गई। विद्युत कर्मचारियों को बिजली सप्लाई चालू करने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। ग्राम खमरा में सब स्टेशन की छत व टीन शेड उड़ गया। इसके अलावा डोला पांजरा में बिजली के पोल जमीन पर गिर गए। ग्राम थोटामाल में ट्रांसफॉर्मर गिरने से विद्युत सप्लाई प्रभावित हो गई। कई गांवों में सप्लाई पूर्ण रूप से बंद रही।
तिगांव, पिपलपानी में भी ओलावृष्टि
पांढुर्ना. ग्राम तिगांव, पिपलपानी, चिचखेड़ा, गोरलीखापा क्षेत्र में मंगलवार की शाम को तेज हवाओं के साथ बारिश हुई। साथ ही बेर के आकार के ओले भी गिरे। यह तीसरा मौका है जब मार्च के बाद ओलावृष्टि हुई है। ओलावृष्टि से किसानों को नुकसान हुआ है।