छिंदवाड़ा

Electricity Company:23 साल बाद अब जल्द थम जाएगा मीटर वाचकों का सफर

– अब तलाश रहे आजीविका के नए साधन
– डिजिटल और स्मार्ट मीटर ने खत्म की भूमिका

छिंदवाड़ाDec 10, 2024 / 10:38 am

prabha shankar

electricity company

बिजली कम्पनी से उपभोक्ताओं को बिजली मिलती है। इस बिजली का उपभोग जो उपभोक्ता करते हैं, उन्हें बिजली बिल भी चुकाना पड़ता है। इस बिजली बिल को चुकाने के लिए मीटर रीडर अहम भूमिका निभाते आ रहे हैं। मीटरों की रीडिंग से लेकर बिलों को घर-घर तक पहुंचाने की जिम्मेदारी इन्होंने निभाई है। अब नए जमाने के मीटर, स्मार्ट मीटर के आने के बाद इनका अस्तित्व समाप्त होने की कगार पर है। स्मार्ट मीटर स्वत: तय समय पर बिजली कंपनी के कंट्रोल रूम रीडिंग भेज रहे हैं। इसके बाद उपभोक्ता के दर्ज मोबाइल नंबर पर बिल पहुंच रहा है। मैनुअल रीडिंग का 23 साल का सफर अब अंतिम चरण में है। शहर संभाग अंतर्गत 80 फीसद मीटर वाचकों की भूमिका समाप्त हो चुकी है। 20 फीसद ही मीटर वाचक अपने कार्य को कर रहे हैं।

साल 2001 से ठेका मीटर वाचक

वर्ष 2000 से ठेका मीटर वाचकों को नियुक्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी। 2001 में मैदानी स्तर पर अमल में लाना भी शुरू कर दिया। 2006 के बाद फिर एग्रीमेंट बना। 2013 से हर साल नवीनीकरण का नियम बना दिया गया। मीटर वाचकों की नियुक्ति के लिए आईटीआई, पॉलिटेक्निक डिप्लोमा सहित ग्रामीण क्षेत्रों के लिए 10 वीं पास लोगों को अवसर दिया गया। तब से लेकर साल 2023 तक लगातार सभी मीटर वाचक मीटर रीडिंग से लेकर, मार्च 2023 तक बिल वितरण का कार्य किए।

एक मीटर की रीडिंग के एक रुपए

मीटर वाचकों ने जब अपना काम शुरू किया, तब एक मीटर की रीडिंग पर उन्हें 1 रुपए और एक बिल के वितरण पर 50 पैसे मिलते थे, 2006 तक ऐसा ही चला, जब मीटर वाचक संघ ने आंदोलन किया तो 2012-13 में मानदेय बढ़ा। एक मीटर रीडिंग में 4.25 रुपए एवं प्रति बिल वितरण के लिए 2 रुपए मानदेय हो गया। शहरी क्षेत्र में 1500 मीटर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में 1000 मीटरों की जिम्मेदारी मीटर वाचकों को दी गई। इसके बाद भी एक मीटर वाचक प्रति माह 10 हजार से अधिक मानदेय प्राप्त नहीं कर पा रहा था, स्थाई कार्य होने की उम्मीद में वे लगातार काम कर रहे थे, और करते आ रहे हैं।

66 हजार में 56 हजार मीटर दे रहे स्वत: रीडिंग

शहर संभाग अंतर्गत 73 हजार मीटर लगे हैं। इनमें औद्योगिक, व्यावसायिक, कृषि, घरेलू एवं गैर घरेलू कनेक्शन शामिल हैं। इनमें से 66 हजार उपभोक्ताओं के डिजिटल मीटरों को बदला जाना है। 56 हजार मीटर स्मार्ट हो चुके हैं। विगत 10 नवंबर तक इन मीटरों ने अपना काम शुरू भी कर दिया और उपभोक्ताओं के बिजली खपत की रीडिंग स्वत: कंट्रोल रूम तक भेजकर बिल भी जनरेट हो रहा है। अब इन 56 हजार मीटरों की रीडिंग देखने वाले रीडरों के पास काम नहीं है। करीब 10 हजारमीटरों की रीडिंग करने वाले गिनती के मीटर रीडर ही रीडिंग ले रहे हैं। आने वाले दिनों में इन रीडरों के पास भी काम नहीं रह जाएगा।

आउटसोर्स अंतर्गत भर्ती के लिए कम्पनी तैयार

स्मार्ट मीटरों के लगने के साथ ही रीडिंग उपभोक्ताओं के पास ऑटोमेटिक पहुंच रही है, जिससे मीटर वाचकों के पास रीडिंग के लिए कम मीटर बचे हैं। वे खुद ही काम छोड़ रहे हैं। कंपनी कोर्ट स्टे के कारण किसी को भी निकाल नहीं रही है। शहर वितरण केंद्र के अंतर्गत अभी भी 23 मीटर वाचक हैं। इनमें से 15-16 रीडिंग कर रहे हैं। हालांकि सभी 23 को कंपनी आउटसोर्स के अंतर्गत विभिन्न पदों पर भर्ती करने के लिए तैयार है।
शरद बिसेन, कार्यपालन अभियंता

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