इसके तहत विभाग पालकों को इस संदर्भ में अवगत कराएगा कि बच्चा यदि न्यूनतम अंक प्राप्त नहीं करेगा तो वह फेल हो जाएगा, पिछली बार की तरह कक्षा क्रमोन्नति नहीं मिल सकेगी। वहीं शिक्षकों का कक्षावार परीक्षाफल संतोषप्रद नहीं होने की स्थिति में संबंधित के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी, जिसमें निलबंन, सेवा समाप्ति आदि प्रस्तावित है।
डीइओ करेंगे केंद्र का निर्धारण – बोर्ड पैटर्न पर आधारित होने की वजह से कक्षा पांचवी तथा आठवीं की वार्षिक परीक्षा केंद्र का निर्धारण जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा किया जाएगा। वहीं उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन जिले से बाहर अन्यत्र जिले में करवाया जाएगा तथा अध्यापन कराने वाले शिक्षकों को अन्य कार्यालयों में गैर शिक्षकीय कार्यों में अटैच नहीं किया जाएगा।
इतना ही नहीं इपीएस शालाओं में पांचवीं-आठवीं पढ़ाने वाले शिक्षकों से यदि उच्च कक्षाओं का अध्यापन कार्य लिया जा रहा हो तो भी ऐसे शिक्षकों को उक्त कक्षाओं में पढ़ाना पडेग़ा।
असफल होने पर मिलेगा एक अवसर –
असफल होने पर मिलेगा एक अवसर –
वार्षिक परीक्षा में सभी विषयों में पास नहीं होने की स्थिति में संबंधित छात्र को परिणम घोषित होने की तारीख से दो माह की अवधि में फिर से परीक्षा देनी होगी। जिन विषयों में विद्यार्थी फेल हुआ है उसकी तैयारी के लिए स्कूल अतिरिक्त शिक्षण देगा। दोबारा परीक्षा देने के बाद भी विद्यार्थी सफल नहीं होता है तो उसी कक्षा में रहकर पढऩा होगा।