इमरजेंसी के लिए नहीं था डीजल
जिला अस्पताल की इमारत का मेंटेनेंस मेडिकल कॉलेज प्रबंधन को करना है लेकिन इसमें लापरवाही बरती जाती है। किसी इमरजेंसी की स्थिति में जनरेटर को तैयार रखना चाहिए था, लेकिन बिजली आपूर्ति प्रभावित होने पर जब जनरेटर चालू करने की बात आई तो डीजल नहीं था। इसके बाद अस्पताल व मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने कुछ समय बाद डीजल की व्यवस्था बनाई, तब तक अस्पताल में अंधेरा छाया रहा था।
33केवी का सब स्टेशन पर सब इंजीनियर ही नहीं
जिला अस्पताल में बिजली आपूर्ति के लिए 33 केवी का सब स्टेशन लगाया गया है। मेडिकल कॉलेज प्रबंधन के पास कोई सब इंजीनियर ही नहीं है जो ट्रांसफार्मर में खराबी आने पर उसका सुधार कार्य व मेंटेनेंस करता रहे। वर्तमान में जिला अस्पताल के टेक्नीशियन के भरोसे सुधार कार्य किया जाता है।जिला अस्पताल परिसर में लगे 33 केवी सब स्टेशन का ट्रांसफार्मर तकनीकी खराबी की वजह से ब्लास्ट हो गया। जनरेटर से जिला अस्पताल में बिजली आपूर्ति करने के बाद इस दौरान उसका सुधार कार्य किया गया।
डॉ रवि टांडेकर, प्रभारी सिविल सर्जन, जिला अस्पताल, छिंदवाड़ा