छिंदवाड़ा

कोरोना से मौत हुई पर प्रशासन नहीं दे रहा प्रमाण पत्र

शासन से मृतक कामगारों के परिजनों को मिलनी थी पंद्रह लाख रुपए राहत राशि

छिंदवाड़ाJun 29, 2021 / 07:27 am

Hitendra Sharma

छिंदवाड़ा. कोरोना संक्रमित की वजह से अस्पताल से कोरोना का इलाज किया। मौत होने पर संक्रमित का कोरोना प्रोटोकाल के तहत अंतिम संस्कार भी किया गया है। बात मृत्यु प्रमाण पत्र देने की आई तो प्रशासन उसमें कोरोना से मौत लिखने की बजाए कोरोना संदिग्ध लिख रही है। इसका खामियाजा मृतकों के परिजनों को भुगताना पड़ रहा है। शासन से मिलने वाली तमाम योजना और आर्थिक सहायता से वे वंचित रह रहे हैं।

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परासिया विधानसभा से कांग्रेस के विधायक सोहन बाल्मिकी के नेतृत्व में राष्ट्रीय कोयला खदान मजदूर संघ (इंटक) के कामगारों ने कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन को ज्ञापन सौंपा। सौंपे गए ज्ञापन में उन्होंने उल्लेख किया है कि भारत सरकार, राज्य सरकार एवं कोल इंडिया लिमि. द्वारा मार्च 2021 से वर्तमान समय तक कोविड-19 महामारी का द्वितीय चरण घोषित कर प्रशासनिक आदेश निर्गत किए गए हैं।

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आदेश के अनुसार कोरोना संक्रमित होने और इलाज के दौरान अगर किसी भी वेकोलि कामगार की मौत होती है तो उसे सामाजिक सुरक्षा लाभ के तहत 15 लाख रुपए के अलावा अन्य सुविधाएं मुहैया कराई जाएगी। किन्तु वेकोलि पेंच एवं कन्हान क्षेत्र के जिन कामगारों की कोविड 19 बीमारी के इलाज के दौरान मृत्यु के बाद जिला अस्पताल एवं मुख्य रजिस्ट्रार जन्म मुत्यु फार्म 2 फार्म 8 में शासन द्वारा जारी मृत्यु प्रमाण पत्र में कोविड सस्पैक्टेड शब्द दर्ज होने के कारण सभी लाभ से वंचित कर आज तक कार्रवाई को लम्बित रखा गया है जो न्याय संगत नहीं है।

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कोरोना से 80 कामगारों की मौत हुई
विधायक सोहन बाल्मिकी ने बताया कि कोरोना की वजह से वेकोलि पेंच एवं कन्हान के 80 कामगारों की कोरोना की वजह से मौत हुई है। कामगारों का इलाज भी कोरोना का हुआ। मौत होने पर अंतिम संस्कार भी कोरोना प्रोटोकाल के तहत हुआ है, लेकिन मृत्यु प्रमाण पत्र में संदिग्ध लिखा जा रहा है। कलेक्टर से कहा है कि वे मप्र सरकार एवं वेकोलि के जीएम से बात कर मृतकों के मृत्यु प्रमाण पत्र में कोरोना से मौत होना लिखा जाए। अगर हमारी मांगें नहीं मानी जाती है तो राष्ट्रीय कोयला खदान मजदूर संघ आंदोलन करेगा।

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