रेलवे से जुड़े जिम्मेदारों का कहना है कि हमने प्रक्रिया पूरी कर ली है, लेकिन पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी की तरफ से ही देरी हो रही है। दूसरी तरफ दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे द्वारा पर्यावरण के संरक्षण के लिए एवं हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए गैर-परम्परागत स्रोतों से ऊर्जा उपलब्ध कराने एवं ऊर्जा संरक्षण की दिशा में बेहतर योगदान के तहत सौर ऊर्जा को काफी महत्व दिए जाने का दावा किया जा रहा है। जबकि छिंदवाड़ा मॉडल रेलवे स्टेशन में तीन साल से धूल फांक रहे सोलर पैनल इसकी वास्तविकता की गवाही दे रहे हैं।
बताया जा रहा है कि एक समझौते के तहत यह सोलर पैनल निजी कम्पनी द्वारा लगाया गया है। इससे 100 किलोवाट से अधिक बिजली का उत्पादन होगा। रेलवे जितना बिजली खर्च करेगी उतना पैसा देगी और शेष बिजली निजी कंपनी कही और खर्च करेगी जिसका पैसा वह वसूलेगी। बताया जाता है कि अगर सोलर सिस्टम काम करने लगा तो रेलवे को 50 से 60 प्रतिशत तक बचत तो होगी ही साथ ही सोलर ऊर्जा को भी बढ़ावा मिलेगा।
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छिंदवाड़ा रेलवे एसएसई राजेश कोष्ठा ने बताया कि हमारी तरफ से प्रक्रिया पूरी कर दी गई है। विद्युत कम्पनी को मीटर लगाना है। वहीं से प्रक्रिया रुकी पड़ी हुई है। वही पूर्व क्षेत्र विद्युत कम्पनी, कार्यपालन अभियंता योगेश उडके ने बताया कि कनेक्शन एवं मीटर लगाया जाना है। बारिश की वजह सेकाम रुक गया था। जल्द ही कार्य पूरा कराया जाएगा।