छिंदवाड़ा.नगर निगम के अधीन संचालित रसोईघरों में दस रुपए की बजाय पांच रुपए में भोजन कराने के आदेश सरकार ने कर दिए लेकिन 11 माह से एक रुपए का फंड अब तक नहीं दिया है। इससे रसोईघर संचालकों को सामाजिक दान और निगम के बजट पर इसे संचालित करना पड़ रहा है। निगम की ओर से एक करोड़ रुपए का फंड भी मांगा गया है। जिस पर आज तक कोई सकारात्मक पहल दिखाई नहीं दी है।
दो साल पहले 2023 तक रसोईघर में रियायती भोजन दाल, चावल, सब्जी, रोटी दस रुपए में मिलती थी। इस पर सरकारी अनुदान पांच रुपए थाली था। इसके बाद सरकार ने इस व्यवस्था को परिवर्तन कर दिया। अब दस रुपए की बजाय पांच रुपए प्रति थाली कर दी गई है। साथ ही सरकारी अनुदान पांच रुपए की बजाय दस रुपए कर दिया गया है। देखा जाए तो छिंदवाड़ा शहर में तीन रसोईघर गुरैया सब्जी मण्डी, जिला अस्पताल और दीनदयाल रसोई गांधीगंज तथा एक चलित रसोई घर संचालित है। जिनसे प्रतिदिन हजारों गरीब वर्ग के लोग भोजन करते हैं। सामाजिक हित में संचालित इन रसोइघरों को अनुदान राशि पिछले 11 माह से नहीं दी जा रही है।
इस संबंध में नगर निगम की ओर से एक करोड़ रुपए की राशि की मांग राज्य सरकार से की गई है। अब तक यह राशि निगम के खाते में नहीं आई है। इन रसोईघरों को समाजसेवियों के दान और निगम के बजट के भरोसे संचालित किया जा रहा है। फिलहाल इस पर पुन: प्रदेश सरकार का ध्यान आकर्षित कराया गया है। इस पर निगम में इस परियोजना के प्रभारी उमेश पयासी का कहना हैं कि राज्य सरकार से रसोई घर की अनुदान राशि आने का इंतजार बना हुआ है।
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महापौर ने लिया दीनदयाल रसोई का निरीक्षण, भोजन कक्ष में चखा स्वाद
छिंदवाड़ा.गरीब जनकल्याणकारी योजनाओं में से एक अंत्योदय दीनदयाल योजना का जायजा महापौर विक्रम अहके ने किया। उन्होंने भोजन कक्ष में पहुंचकर भोजन ग्रहण किया। साथ ही भोजन की गुणवत्ता एवं आने जाने वाले लाभार्थियों की जानकारी प्राप्त की। इस दौरान साथ में सभापति नमिता मनोज सक्सेना एवं उपस्थित स्टॉफ मौजूद था। इस दौरान महापौर ने सफल क्रियान्वयन के लिए बधाई दी। आगे भी इसी तरह उचित गुणवत्ता के साथ साफ सफाई को ध्यान में रखते हुए संचालित करने निर्देशित किया । इस योजना में मात्र 5 रुपए में भरपेट भोजन दिया जाता है ,जिसका क्रियान्वयन नगर पालिक निगम के सहयोग से किया जाता है।
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