विभागीय अधिकारी-कर्मचारी भी मानते है कि कोरोना संक्रमण के चलते इस बार माह जून में कई गतिविधियां नहीं हो सकी है। स्थिति यह है कि जागरूकता के लिए निकाला गया रथ भी औपचारिकता पूरी कर रहा है, जिसमें एक ही दिन में दर्जनों क्षेत्रों में भ्रमण कर वापस लौट जाता है। जनसामान्य को जागरूक करने या पॉम्पलेट भी नहीं बांटे जा रहे है।
इधर बारिश शुरू होते ही मच्छरों का आतंक बढऩे लगा है, जिससे लोग परेशान भी है तथा दवा छिड़काव और स्प्रे नहीं किए जाने पर सवाल उठाए जा रहे है। जिले में मलेरिया संक्रमण के लिए जुन्नारदेव, तामिया, हर्रई तथा अमरवाड़ा हाईरिस्क जोन में शामिल है, जिससे सबसे ज्यादा स्थिति हर्रई क्षेत्र की है।
छह ग्रामीण क्षेत्रों में स्प्रे कार्यक्रम शुरू –
जिला मलेरिया विभाग से मिली जानकारी के अनुसार चिन्हित छह गांवों में स्प्रे कार्यक्रम आरंभ हो गया। डीएमओ देवेंद्र भालेकर ने बताया कि चिन्हित गांवों में मोहखेड़ ब्लाक के दो, अमरवाड़ा के दो समेत पिंडरईकलां और बिछुआ के एक-एक गांव शामिल है। डीएमओ ने बताया शासन के निर्देश के अनुसार ऐसे गांव जहां मच्छरदानी का वितरण किया गया है, वहां स्प्रे नहीं किया जाना है।
नगर में मिला चुका है एक पॉजिटिव केस –
छिंदवाड़ा के वार्ड क्रमांक-22 गीताजंलि क्षेत्र में मलेरिया पॉजिटिव का एक प्रकरण सामने आया है, जिसके बाद विभाग ने सर्वे भी किया। लेकिन उसके बाद सुध लेना भूल गए।
फैक्ट फाइल –
1. माह जनवरी 2020 से अब तक मलेरिया पॉजिटिव केस – 45
2. अब तक किए गए ब्लड सर्वे संख्या – 73000
3. वर्ष 2019 में बांटी गई मच्छरदानी की संख्या – 295000
4. वर्ष 2017 में बांटी गई मच्छरदानी की संख्या – 95000
– कोरोना से आ रही दिक्कतें
कोरोना की वजह से इस बार प्रचार-प्रसार समेत अन्य गतिविधियों में दिक्कतें आ रही है। लोग ब्लड सर्वे कराने में भी डरते है, जिसकी वजह से कार्यक्रम थोड़ा प्रभावित हुआ है।
– देवेंद्र भालेकर, जिला मलेरिया अधिकारी