
पेंच क्षेत्र की भूमिगत कोयला खदान माथनी में कार्बन मोनोआक्साइड गैस का स्तर बढऩे के बाद सुरक्षा की दृष्टि से कामगारों का प्रवेश बंद करने के एक पखवाड़ा बीतने के बाद भी खदान में सामान्य कामकाज शुरू नहीं हो पाया है।
खदान को बंद करने के विषय में श्रम संगठनों तथा प्रबंधन के बीच सहमति नहीं बनने के कारण यह मामला लटका हुआ है। इसलिए खदान में कार्यरत लगभग 230 कर्मचारियों को बिना काम के वेतन पर लाखों रुपए व्यय हो रहा है।
गौरतलब है कि 15 जनवरी को खदान के बंद सेक्शन के स्टापिंग लीक होने से आग लग गई, जिसके बाद खदान मे गैस का रिसाव शुरू हो गया, तबसे खदान बंद है। इसके पहले एक जनवरी को खान में दुर्घटना के बाद वैसे ही उत्पादन पर बुरा असर पड़ा था।
खदान के संबंध में 20 तथा 28 जनवरी को पेंच महाप्रबंधक कार्यालय में श्रम संगठनों की उच्च अधिकारियों से चर्चा हुई थी, जिसमें प्रबंधन ने खदान को सुरक्षा तथा अत्याधिक घाटा होने के कारण बंद करने के संकेत दिए थे, लेकिन श्रम संगठनों का दबाव है कि खदान को चालू रखने के लए अन्य वैकल्पिक उपाय किए जाएं और किसी का स्थानांतरण नहीं किया जाए। बैठक में पेंच महाप्रबंधक ने बताया कि माथनी खदान चालू रखने की स्थितियां नहीं है। नई भूमिगत कोयला खदान धनकसा में उत्पादन प्रारंभ हो गया है। वहां पर मेनपावर की आवश्यकता है, इसलिए माथनी खदान के कामगारों को धनकसा शिफ्ट किया जा सकता है।
श्रमिक पदाधिकारियों ने प्रबंधन के समक्ष प्रस्ताव दिया है कि 6 डिप 12 लेबल, 7 डिप 12 लेबल से गैलरी चलाकर 14 लेबल 6 डिप गैलरी ज्वाइन कर 24 लेबल पहुंचने की कार्ययोजना बताई है। वहीं अधिकारियों का कहना था कि इतनी मशक्कत के बाद यदि वहां पर प्रापर्टी नहीं मिली तो क्या होगा। वैसे भी खदान में कोयला उत्पादन की लागत अधिक है, जबकि विक्रय दर बहुत ही कम है। पेंच क्षेत्र की नई धनकशा खदान में उत्पादन प्रारंभ हो गया है। इसके अलावा अन्य खदानों में भी मेनपावर की कमी है जिसकी पूर्ति माथनी खदान से करने का प्रबंधन ने मन बना लिया है। इसके लिए प्रबंधन ने स्थानांतरण प्रक्रिया की तैयारी शुरू कर दी है।
Published on:
01 Feb 2025 11:33 am
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