सभी अंकों के लिए मापदंड निर्धारित
सेवा स्तर के 5705 अंकों के अंतर्गत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन पर 30 फीसद, स्वच्छता, उपयोगिता, जल प्रबंधन, सफाई मित्र सुरक्षा पर 22 फीसद, दर्शनीय स्वच्छता पर 17 फीसद, संकेत ***** पर 14 फीसद, अलग अगल संग्रहण एवं परिवहन पर 13 फीसद एवं लीगेसी वेस्ट रेमेडिएशन पर 4 फीसद अंक तय हैं। 2500 अंकों के प्रमाणीकरण भाग में जीएफसी स्टार रेटिंग के लिए 1375 अंक एवं ओडीएफ, ओडीएफ प्लस, ओडीएफ डबल प्लस एवं वाटर प्लस के लिए 1125 अंक निर्धारित किए गए हैं। जबकि स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 के तीसरे भाग 1295 में नागरिक प्रतिक्रिया, ब्रांड एंबेसडर की नियुक्ति, स्वच्छता चैम्पियंस का चयन, अभियानों में निकायों की भागीदारी, निकाय एवं जलीय संरचनाओं में सिंगल यूज प्लास्टिक सफाई अभियान, गैर थोक अपशिष्ट उत्पादकों का ऑनसाइट गीले अपशिष्ट का प्रसंस्करण, स्वच्छता ऐप के माध्यम से शिकायत निवारण एवं स्वच्छ वार्ड रैंकिंग शामिल हैं।
प्रयासों में नहीं आई तेजी
स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 के एक भाग सेवा स्तर में प्रगति के लिए भी चार चरण निर्धारित किए गए थे। पहले एवं दूसरे चरण की समय सीमा जुलाई-अगस्त 2023 एवं अक्टूबर नवंबर 2023 होने के कारण इनका मूल्यांकन स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 के लिए तैयार किए गए सेवा स्तर प्रगति संकेतकों के आधार पर किया जाएगा। यह नगर निगम की रैंकिंग के लिए अच्छे संकेत नहीं हैं। जबकि तीसरा चरण जनवरी एवं फरवरी 2024 में ही प्रसंस्करण सुविधाओं के मूल्यांकन को लेकर है, जिसके लिए प्रयासों की गति काफी मंद है। लोकसभा के आम चुनावों के बाद अप्रेल-मई 2024 में सभी संकेतकों का जमीनी मूल्यांकन किया जाएगा। यहां यह भी बताना जरूरी है कि स्वच्छतम पोर्टल पर पूरी एवं सटीक जानकारी से ही जमीनी मूल्यांकन किया जाएगा, इसमें किसी भी तरह की विसंगति से ऋणात्मक मूल्यांकन भी हो सकता है।
रैंकिंग में सुधार के लिए यह हो रहे प्रयास
निगम स्वच्छता सर्वे सहायक नोडल अधिकारी अभिनव तिवारी ने बताया कि लंबे समय से इस्तेमाल हो रहे कचरा कलेक्शन वाहनों में 10 नए वाहन शामिल किए गए हैं। जामुनझिरी कचरा प्रसंस्करण केंद्र में कचरे हर भाग को रिसाइकिल करने के लिए थर्ड पार्टी को एजेंसी देने की तैयारी हो रही है। इससे जहां सूखे कचरे का निस्तारण होगा, वहीं निगम को भी आय मिलेगी। एसटीपी के शुरू होते ही वाटर प्लस का फायदा भी मिलेगा। जैविक खाद को बनाकर, इस्तेमाल करने के लिए पहले से ही समूह बने हुए हैं। जिससे निगम बिना खर्च गीले कचरे का निस्तारण करवा रहा है। मैकेनिकल रोड स्वीपिंग मशीन की प्रक्रिया जारी है। फंड उपलब्ध होते ही वह मशीन भी सफाई के बेड़े में शामिल हो जाएगी। नए तीन स्थानों में सार्वजनिक शौचालय बनाए जाएंगे। स्वच्छता जन जागरूकता अभियानों को और गति दी जाएगी।
ईश्वर सिंह चंदेली, स्वच्छता नोडल अधिकारी निगम
विक्रम अहके, महापौर छिंदवाड़ा