छिंदवाड़ा

Chhindwara news: रेलवे शौचालय का टेंडर लेने वाली एजेंसी नदारद, यात्री मूलभूत सुविधा को तरस रहे

प्लेटफॉर्म नंबर-एक और सर्कुलेटिंग एरिया में लाखों रुपए से हुआ है निर्माण

छिंदवाड़ाJan 24, 2024 / 02:39 pm

ashish mishra

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छिंदवाड़ा. मॉडल रेलवे स्टेशन में यात्रियों को मूलभूत सुविधाएं ही नहीं मिल पा रही है। शौचालय की सुविधा न होने से यात्री भटक रहे हैं। जबकि स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर-एक पर एवं सर्कुलेटिंग एरिया में लाखों रुपए की लागत से काफी समय पहले शौचालय का निर्माण किया गया था, लेकिन इसकी सुविधा यात्रियों को नहीं दी जा रही है। दरअसल रेलवे ने शौचालय के संचालन के लिए ऑनलाइन टेंडर निकाला था। ग्वालियर की निजी एजेंसी को ढाई लाख रुपए प्रति साल के दर से दोनों शौचालय का टेंडर मिला। 1 जनवरी को टेंडर खुला था। नियम के अनुसार एजेंसी को दो से तीन दिन में सुविधा शुरु कर देनी चाहिए थी, लेकिन एजेंसी अब भी गायब है। हैरानी की बात यह है कि इस पर अधिकारी भी कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। यात्रियों का कहना है कि रेलवे ने हमलोगों के ही पैसे से शौचालय का निर्माण कराया और अब हमें ही मूलभूत सुविधा नहीं दे रही है। उल्लेखनीय है कि दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने रेलवे स्टेशन छिंदवाड़ा के सर्कुलेटिंग एरिया में यात्रियों की समस्या को देखते हुए पेड एंड यूज शौचालय का निर्माण करवाया, लेकिन इसका संचालन शुरु नहीं किया। इसके बाद अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत इसे तोडऩे की बात सामने आई, लेकिन कुछ दिन बाद रेलवे ने निर्णय बदल दिया। हालांकि शौचालय की सुविधा शुरु नहीं हुई। इस संबंध में कई महिलाओं ने रेलवे के उच्च अधिकारियों से शिकायत की थी। अधिकारियों ने आश्वासन भी दिया था, लेकिन इसके बाद भी स्थिति जस की तस रही। जबकि रेलवे स्टेशन के सर्कुलेटिंग एरिया में ही 22 से अधिक दूकान संचालित होती हैं। इसके अलावा रेलवे स्टैंड एवं रिजर्वेशन भी यही होता है। सर्कुलेटिंग एरिया में आने वाले लोगों को शौचालय की सुविधा न होने से भटकना पड़ता है। लोगों की मांग को देखते हुए रेलवे के कामर्शियल विभाग ने प्रस्ताव नागपुर मंडल को भेजा था।

पहले टेंडर में नहीं हुआ एक भी आवेदन
बताया जाता है कि रेलवे ने प्लेटफॉर्म नंबर-एक एवं सर्कुलेटिंग एरिया में बनाए गए शौचालय के संचालन के लिए ऑनलाइन टेंडर निकाला था, लेकिन किसी ने आवेदन नहीं किया। इसके बाद दूसरा टेंडर किया गया है। इसमें ग्वालियर की एजेंसी ने आवेदन किया था। उसे टेंडर मिल गया, लेकिन वह काम करने में दिलचस्पी नहीं ले रही हे।
इनका कहना है…
रेलवे ने ग्वालियर की निजी एजेंसी को शौचालय के संचालन के लिए टेंडर दिया है। एजेंसी ने सुविधा शुरु नहीं की है। इस संबंध में मैंने सीनियर डीसीएम दिलीप कुमार एवं डीजीएम समीरकांत माथुर को पत्र लिखा है। एजेंसी का टेंडर निरस्त करने की मांग की है।
सत्येन्द्र ठाकुर, रेलवे सलाहकार समिति सदस्य

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