- पन्ना-दमोह जिले में अब 90 हजार की जगह ढाई लाख हेक्टेयर में सिंचाई की 10 हजार करोड़ की अतिरिक्त योजना
दमोह-पन्ना में अब ढाई लाख हेक्टेयर सिंचाई का प्रस्ताव
पन्ना एवं दमोह जिले को सिंचाई एवं पेयजल देने हेतु विकल्प के रू प में ढोढऩ बांध के ऊपरी क्षेत्र में केन नदी के उपकछार पतने नदी में पतने बांध एवं व्यारमा नदी पर दो बैराज एवं बैलेंसिंग रिजर्ववायर के निर्माण का प्रस्ताव जलशक्ति मंत्रालय भारत सरकार के अधीन विचाराधीन है। इस वैकल्पिक प्रस्ताव से पन्ना एवं दमोह जिले को 90101 हेक्टेयर के स्थान पर 2.50 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई एवं पेयजल की सुविधा प्राप्त होगी। परियोजना की प्रारंभिक कुल लागत राशि रुपए 10 हजार 500 करोड़ आंकलित की गई है।
देश की 30 नदी जोड़ो परियोजना में पहली है केन बेतवा
यह नदियों को आपस में जोडऩे के लिए 1980 में तैयार की गई राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य योजना के तहत पहली परियोजना है। इसके लिए 77 मीटर लंबा और 2 किमी चौड़ा ढोढन बांध बनाया जाएगा। इसके साथ ही 218 किलोमीटर लंबी नहर भी बनाई जानी है। इस प्रोजेक्ट में बांध का निर्माण भी शामिल है, जिसके जरिए पानी को सरंक्षित किया जाएगा। जलविद्युत के उत्पादन के साथ लाखों लोगों को पीने योग्य पानी मुहैया कराया जा सकेगा। देश में केन बेतवा की तरह करीब 30 नदियों को जोडऩे की परियोजना बनाई गई है, इनमें से एक यह है।
केन का अतिरिक्त पानी बेतवा में पहुंचेगा
केन-बेतवा लिंक परियोजना नदियों को आपस में जोडऩे वाली परियोजना है। इसका मकसद उत्तर प्रदेश के सूखाग्रस्त बुंदेलखंड क्षेत्र में सिचाई की सुविधा मुहैया कराना है। इसके साथ ही एमपी के भी कई इलाकों में सिचाई के लिए पानी मुहैया हो सकेगा। इस प्रोजेक्ट में मध्य प्रदेश की केन नदी का अतिरिक्त पानी बेतवा नदीं में पहुंचाया जाना है, ताकि संतुलन बना रहे और दोनों हिस्सों में पानी उपलब्ध कराया जा सके। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दिसंबर 2021 में केबीएलपी परियोजना के लिए 44605 करोड़ रुपए (2020-21 की कीमतों पर) मंजूर किए थे।
नेशनल पर्सपेक्टिव प्लान का हिस्सा है केन-बेतवा रिवर लिंकिंग प्रोजेक्ट
केन-बेतवा रिवर लिंकिंग प्रोजेक्ट उस परियोजना के तहत बना रहा है, जिसके तहत देश में ऐसे कुल तीस रिवर इंटरलिंकिंग प्रोजेक्ट बनाने का प्रस्ताव है। केन-बेतवा पहला रिवर लिंकिंग प्रोजेक्ट है। कुल प्रस्तावित तीस रिवर इंटर लिंकिंग प्रोजेक्ट में से 14 प्रोजेक्ट हिमालयी भाग से जुड़े हुए हैं। इन परियोजनाओं के तहत बनने वाली नहरें हिमालय से आने वाली नदियों को जोड़ती हैं या उनमें मिल जाती हैं। 16 रिवर लिंकिंग प्रोजेक्ट भारत के प्रायद्वीपीय इलाकों से जुड़े हुए हैं। ये लिंक नहरें प्रायद्वीप की तमाम नदियों को आपस में जोडऩे का काम करेंगी। एक इलाके के अतिरिक्त पानी को दूसरे इलाके से जोड़ेंगी। वैसे सभी 30 रिवर लिंक प्रोजेक्ट को पूरा करना एक भारी भरकम काम है, जिसमें वर्षो लगेंगे, लेकिन अगर सभी 30 रिवर लिंक प्रोजेक्ट बन गए तो अनुमान लगाया गया है कि हर साल 174 अरब घन मीटर पानी को 15 हजार किलोमीटर लंबी नहरों और 3000 जलाशयों के जरिए एक इलाके से दूसरे इलाके में पहुंचा दिया जाएगा. इससे देश में 3 करोड़ हेक्टेयर इलाके में सिंचाई सुविधा बढऩे का अनुमान है। इसके अलावा हाइड्रोपावर परियोजनाओं के ज़रिए 34 हजार मेगावॉट बिजली पैदा होने की उम्मीद है।
नदी जोडऩे के ये होंगे फायदे
नदी जोडऩे का सबसे बड़ा फ़ायदा ये बताया जाता है कि इससे पानी का न्यायसंगत बंटवारा होगा। लंबे समय तक सूखे से जूझने वाले इलाकों में उन इलाकों से पानी पहुंचाया जाएगा, जहां पानी की अधिकता हो, बारिश में बह जाने वाले पानी को नहरों के जरिए सूखाग्रस्त इलाकों तक पहुंचाया जा सकेगा। सूखाग्रस्त इलाकों में पीने के पानी की किल्लत दूर होगी, ऐसे इलाकों में सिंचाई की सुविधा बढ़ेगी। नए इलाके सिंचाई के दायरे में आएंगे, सिंचाई सुविधा मिलने से सूखाग्रस्त इलाकों में समृद्धि बढ़ेगी। बिजली के लिए नई पनबिजली परियोजनाएं बनेंगी। मत्स्य पालन और जल से जुड़ी कृषि को बढ़ावा मिलेगा। रोजगार के नए मौके पैदा होंगे और सामाजिक-आर्थिक विकास होगा।लोगों के लिए छोटा पड़ गया पंडाल, सडक़ें जाम
खजुराहो में सुबह 11 बजे तक आम दिनों की तरह सबकुछ सामान्य नजर आ रहा था, लेकिन अगले आधे घंटे में ही सडक़ों पर लोगों की भीड़ के अलावा कुछ भी नहीं दिख रहा था। जहां तक नजर जा रही थी, वहां केवल भीड़ दिख रही थी और यह कतार टूटने का नाम नहीं ले रही थी। लोग बसों की छतों पर सवार होकर भी सभा स्थल पहुंचे। मोदी की सभा के लिए तैयार किए डोम के साथ आयोजन स्थल के आसपास लगाए गए पंडाल भी फुल हो गए। कुछ ही देर में पुलिस ने सभा स्थल पर जाना बंद कर दिया, लेकिन लोग मानने तैयार नहीं थे। डोम और पंडालों से ज्यादा लोग खजुराहो की सडक़ों पर थे।
कोई छत पर तो कोई पेड़ों पर चढ़ा
पीएम मोदी के आयोजन को देखने की लोगों में ऐसी लालसा थी कि वह भीड़ में धक्का-मुक्की करते चल रहे थे। यहां तक की लोगों की पुलिस से भी नौक-झौंक हुई। सभा स्थल के अंदर जाने नहीं मिला तो कुछ लोग आसपास की छतों पर चढ़ गए तो इस दौरान दर्जनों लोग पेड़ों पर चढकऱ सभा का आनंद ले रहे थे। इतना ही नहीं लोग दुकानों की छत और कचरा कलेक्शन वाहन, फायर बिग्रेड वाहनों तक पर बैठकर सभा के भाषण सुन रहे थे।
दोपहर बाद हर सडक़ पर लंबे-लंबे जाम
कार्यक्रम के पहले तो लोगों के वाहन आसानी से खजुराहो तक पहुंच गए, लेकिन लौटते समय एक साथ छूटी भीड़ के कारण वाहन तो ठीक पैदल चलना भी मुश्किल हो रहा था। खजुराहो के चारों ओर वाहनों की 2-2 किलोमीटर लंबी कतारें लगीं थीं। इस जाम में प्रशासनिक अधिकारियों के साथ कुछ नेता भी घंटों तक फंसे रहे।
अटल के सपने को साकार कर रहें है प्रधानमंत्री मोदी- केंद्रीय मंत्री पाटिल
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर. पाटिल ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नदी जोड़ो अभियान का सपना आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा पूरा होने जा रहा है। वे ये भलीभांति जानते है कि जिन क्षेत्रों में पानी की किल्लत रहती है ऐसे स्थानों पर नदी जोड़ो परियोजना एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है। हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पार्वती-कालीसिंध-चंबल परियोजना की भी शुरुआत हुई है, जिसका लाभ प्रदेश और पड़ोसी राज्य राजस्थान को मिलेगा। कई दशकों से अधूरी पड़ी परियोजनाओं को पूरा करने का काम भी अब किया जा रहा है। इस कड़ी में नमामि गंगे कार्यक्रम प्रारंभ किया गया। केंद्रीय मंत्री पाटिल ने कहा कि तीसरा विश्व युद्ध पानी के लिए होगा लेकिन मुझे भरोसा है कि प्रधानमंत्री मोदी की दूरदर्शिता एवं नेतृत्व से भारत इसका हिस्सा नहीं बनेगा।बुंदेलखंड सहित मध्यप्रदेश के लिए आज का दिन ऐतिहासिक: वीडी शर्मा
खजुराहो सांसद विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि बुंदेलखंड सहित मध्यप्रदेश के लिए आज ऐतिहासिक दिन है। बुंदेलखंड की धरा पर प्रधानमंत्री मोदी पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय वाजपेयी के नदी जोडऩे के सपने को पूरा करने खजुराहो आये हैं। समूचे बुन्देलखण्ड की ओर से प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत है। केन-बेतवा लिंक परियोजना की शुरुआत होने से अब यह क्षेत्र सूखा नहीं बल्कि हरा-भरा और समृद्धशाली होगा। यहां की दशा और दिशा में बदलाव देखने को मिलेगा। उन्होंने कहा कि बाबा साहेब अंबेडकर और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के विचारों को धरातल पर उतारने के लिए प्रधानमंत्री श्री मोदी प्रतिबद्ध हैं। प्रधानमंत्री मोदी की पहल पर क्रियान्वित हो रही केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना से बुंदेलखंड का क्षेत्र अब गरीबी और सूखे से मुक्त होकर समृद्धशाली क्षेत्र के रूप में आकार लेगा।
ये रहे मौजूद
कार्यक्रम में राज्यपाल मगुभाई पटेल, केन्द्रीय ग्रामीण विकास तथा कृषि तथा किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान, केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री वीरेन्द्र खटीक, मध्यप्रदेश के उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा एवं राजेन्द्र शुक्ल, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल, जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, सांसद मंडला फग्गन सिंह कुलस्ते सहित जन-प्रतिनिधि और बड़ी संख्या में जनसमुदाय उपस्थित रहा।