छतरपुर

पत्रिका रक्षा कवच अभियान के तहत साइबर अपराध के प्रति किया सावधान, बचने के तरीके और हेल्पलाइन की जानकारी दी

झमटुली गांव में आयोजित कार्यक्रम में ग्रामीण दुकानदारों को बताया गया कि किस तरह साइबर अपराधी दुकानदारों और व्यापारियों को ठगी का शिकार बना सकते हैं, खासकर ऑनलाइन लेन-देन के दौरान।

छतरपुरDec 15, 2024 / 10:42 am

Dharmendra Singh

पत्रिका रक्षा कवच

छतरपुर. पत्रिका रक्षा कवच अभियान के तहत जागरुकता का एक अभियान चलाया गया। जिसमें दुकान मालिकों और व्यापारियों को साइबर अपराध से बचने के उपायों के बारे में जागरूक किया गया। इसी क्रम में अब साइबर ठगी के निशाने पर रहने वाले ग्रामीण दुकानदारों को जागरुक किया गया। जो ऑनलाइन और डिजिटल प्लेटफॉम्र्स पर अपने व्यापार का संचालन और लेन देन करते हैं।

हेल्पलाइन नंबर 155260

झमटुली गांव में आयोजित कार्यक्रम में ग्रामीण दुकानदारों को बताया गया कि किस तरह साइबर अपराधी दुकानदारों और व्यापारियों को ठगी का शिकार बना सकते हैं, खासकर ऑनलाइन लेन-देन के दौरान। विशेषज्ञों ने दुकानदारों को सुरक्षा उपायों की जानकारी दी, जैसे कि मजबूत पासवर्ड का उपयोग, दो-चरण सत्यापन और संदिग्ध लिंक या ईमेल से बचने के बारे में विस्तार से समझाया। इसके अलावा, ऑनलाइन और साइबर अपराध से बचने के लिए एक हेल्पलाइन नंबर 155260 की जानकारी दी। इस हेल्पलाइन पर व्यापारियों और दुकानदारों को साइबर अपराध से संबंधित समस्याओं का समाधान तुरंत मिल सकेगा।

साइबर अपराधी अक्सर व्यापारी वर्ग को विभिन्न तरीकों से निशाना बनाते

विशेषज्ञों ने बताया कि साइबर अपराधी अक्सर व्यापारी वर्ग को विभिन्न तरीकों से निशाना बनाते हैं, जैसे कि फर्जी वेबसाइटों के जरिए धोखाधड़ी, ऑनलाइन भुगतान के दौरान गड़बड़ी और अन्य धोखाधड़ी के तरीके अपनाते हैं। इस अभियान के अंतर्गत, दुकानदारों को अपने डिजिटल लेन-देन की सुरक्षा को प्राथमिकता देने की सलाह दी गई। साथ ही, यह भी बताया गया कि अगर कोई दुकानदार साइबर अपराध का शिकार होता है, तो तुरंत संबंधित प्राधिकृत अधिकारियों और हेल्पलाइन से संपर्क कर सकता है।

ये बोले ग्रामीण दुकानदार


डिजीटल प्लेटफॉर्म की जानकारी कम होने से हमें ठगी का डर हमेशा लगा रहता था। लेकिन अब पत्रिका रक्षा कवच के तहत साइबर ठगी के तरीके, उनसे बचाव के उपायों की जानकारी मिलने से अब हम सुरक्षित महसूस कर रहे हैं।
संतोष पाठक
ऑनलाइन लेन देन अब हर आदमी करने लगा है। लेकिन इनसे जुड़े खतरे के बारे में जानकारी नहीं है। पत्रिका रक्षा कवच से हमें इतनी जानकारी मिल गई है, कि अब हम ठगी से खुद को बचा सकते हैं।
ओमप्रकाश पाल
साइबर ठग किन तरीकों से और केस ठगी करते हैं। इसकी जानकारी पत्रिका रक्षा कवच अभियान से मिली। अब हमें ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करने में कोई डर नहीं रह गया है।
गौरीशंकर

पत्रिका रक्षा कवच से हमें साइबर ठगी से सावधान रहने की जानकारी मिली है। अब हमें पता चल गया है कि डिजीटल प्लेटफॉर्म पर क्या क्या सावधानियां रखना है।
मोनू बुंदेला
साइबर ठगी से बचाने में निश्चित ही पत्रिका रक्षा कवच काम आएगा। हमें अब ठगों के पैतरे पता चल गए हैं। अब हम सुरक्षित रुप से डिजीटल प्लेटफॉर्म इस्तेमाल कर सकेंगे।
हरप्रसाद पाठक

साइबर कैफे संचालन करने में सारा काम डिजीटल प्लेटफ ॉर्म पर करना होता है। ट्रांजेक्शन भी ऑनलाइन ही करते हैं। ऐसे में पत्रिका रक्षा कवच न केवल दुकानदारों बल्कि हर व्यक्ति के लिए ठगी से बचने का कारगर उपाय बनकर सामने आ रहा है।
शमीम खान

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