ग्वालमंगरा तालाब की हालत खराब
ग्वालमंगरा तालाब के मूल रकवे पर अतिक्रमण कर लगातार कब्जा हो रहा है। हर वर्ष तालाब न सिर्फ सिकुड़ रहा है बल्कि तालाब में गंदे पानी के नए स्त्रोत भी छोड़े जा रहे हैं। ग्वाल मंगरा तालाब में प्लास्टिक, पॉलीथिन एवं अन्य कचरा इतनी मात्रा में फेंका जा रहा है कि घाटों के समीप पानी ही नजर नहीं आता। पूरे तालाब में जलकुंभी के कारण हरी चादर दिखाई देती है। यही हालात संकट मोचन तालाब के हैं जहां गंदी नालियां तालाब में छोड़ी गई हैं। तालाब गंदगी और जलकुंभी से पट गया है।
विंध्यवासिनी तालाब में टौरिया मोहल्ला की सीवर लाइन
महोबा रोड स्थित विध्यवासिनी तलैया में जानराय पहाड़ी सहित टौरिया मोहल्ले का गंदा पानी नालियों से पहुंचता है। इस कारण यहां का पानी हमेशा गंदा बना रहने के साथ ही दुर्गंध देता रहता है। इस पानी की दुर्गंध के कारण माता के मंदिर पहुंचने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसी प्रकार महलों के पास स्थित रानी तलैया और सटई रोड स्थित छुई खदान तलैया की कई सालों से सफाई न होने से आसपास के घरों से निकलने वाला गंदा पानी सालों से भरा हुआ है। महोबा रोड स्थित विध्यवासिनी तलैया में गंदी बस्ती क्षेत्र का पानी और लोगों के द्वारा पूजन सामग्री डालने के कारण गंदा हो रहा पानी।
गायत्री तलैया में बस स्टैंड का गंदा पानी
जवाहर रोड स्थित गायत्री मंदिर तलैया में दोनों बस स्टैंड सहित नौगांव रोड, फव्वारा चौक और दूध नाथ कॉलोनी के घरों का गंदा पानी आता है। पूरी तलैया का पानी गंध मारता है। इस तलैया में जल कुंभी का घेरा फिर से बढऩे लगा है। लोगों ने नगर पालिका प्रशासन को इसकी कई बार शिकायत की है पर कार्रवाई नहीं हुई। पूजा पाठ के लिए भी मंदिरों से सटे संकट मोचन तालाब, नंदीवाला मंदिर से सटे ग्वाल मंंगरा तालाब और गायत्री मंदिर तालाब की हालत बदतर बनी हुई है। इन तालाबों की सफाई न होने के कारण स्थानीय लोग नाराज हैं।
इनका कहना है
नगर पालिका के अधिकारियों ने कलेक्टर के आदेश को भी नहीं माना। कलेक्टर ने मंदिरों के साथ-साथ तालाबों और इनके घाटों की स्वच्छता के लिए भी निर्देश दिए थे लेकिन छतरपुर नगर पालिका तालाबों के रखरखाव और स्वच्छता के मामले में लापरवाह बनी हुई है।
राजेन्द्र अग्रवाल, समाजसेवी
माधुरी शर्मा, सीएमओ