छतरपुर. जिला मुख्यालय छतरपुर सहित जिले में 8 स्थानों पर सीएम राइज स्कूल के लिए भवनों का निर्माण कार्य चल रहा है। लेकिन अभी तक एक भी स्कूल की बिल्डिंग का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका है। जिससे प्रवेश प्रक्रिया के बाद बच्चों के बैठक व्यवस्था के इंतजाम करने में स्कूल प्रबंधन को समस्या होगी। वहीं उच्च शिक्षा विभाग से जारी गाइडलाइन अनुसार नए सत्र में जिले के 5 सीएम राइज स्कूलों में प्रवेश प्रक्रिया पूरी की गई है, लेकिन इन भवनों में अभी भी 40 प्रतिशत से अधिक काम होना शेष है।
अभी छह महीने और लगेगा
नए सत्र में 5 सीएम राइज स्कूलों में ऑफलाइन प्रवेश प्रक्रिया पूरी की गई है। जिसमें छतरपुर, नौगांव, बड़ामलहरा, बकस्वाहा और राजनगर शामिल हैं। लेकिन स्कूल भवन के निर्माण कार्य को देखते हुए साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि, यह भवन कंपलीट होने में अभी छह महीने से ज्यादा का समय लग जाएगा। ऐसे में विभाग को या तो अधूरे निर्माण कार्य के ही बिल्डिंगें हैंडओवर लेना होगी या फिर प्रवेश प्रक्रिया होने के बाद बच्चो की बैठक व्यवस्था के लिए पुरानी बिल्डिंग में ही व्यवस्थाएं करनी होगी। वहीं बिजावर, लवकुशनगर और गौरिहार में संचालित स्कूलों में मॉडल स्कूल की गाइडलाइन अनुसार ऑनलाइन प्रवेश दिए गए है। क्योंकि यहां पर बन रहे सीएम राइज स्कूल भवन को बनने में अभी 6 महीने अतिरिक्त समय और लग जाएगा।
5 में सीएम राइज व 3 में मॉडल स्कूल का पैमाना
आधे अधूरे भवन निर्माण की की स्थिति को देखते हुए शिक्षा विभाग ने जिले में 5 स्कूलों में सीएम राइज के तहत और 3 में मॉडल स्कूल के तहत छात्रों को प्रवेश देने की गाइडलाइन जारी की थी। जिला शिक्षा अधिकारी एमके कौटार्य का कहना है कि सीएम राइज स्कूल भवनों में निर्माण जारी है, नए सत्र के दौरान ही नए भवनों में कक्षाएं संचालित की जाएगी। इसके लिए निर्माण की 18 महीने की समयावधि निकल चुकी है स्कूल भवनों का निर्माण मप्र भवन विकास निगम की देखरेख में ठेकेदार के द्वारा पूर्ण करने के लिए 18 महीने की समयावधि रखी गई थी। जो जुलाई में खत्म हो गई है।
बन रहे 2 ब्लॉक
सीएम राइज स्कूल में क्लासें संचालित करने के लिए 2 ब्लॉक का निर्माण कार्य किया जा रहा है। साथ ही एक हॉस्टल, स्टाफ क्वार्टर, एथलेटिक ट्रैक, बास्केट बॉल, वॉलीबॉल कोर्ट और ओपन स्पेस दिए जाएंगे। इसके अलावा सभा या सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए अलग से हॉल भी बनाया जाएगा। शिक्षकों की ऑनलाइन ट्रैकिंग, टीचर्स के रहने की व्यवस्था कैंपस में ही होगी। लेकिन यह सभी कार्य अभी अधूरे पड़े हुए है।