जानकारी का अभाव
हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट का उद्देश्य वाहन की ट्रैकिंग को आसान बनाना है ताकि चोरी और अपराध के मामलों को कम किया जा सके। हाई-सिक्योरिटी नंबर प्लेट में एक यूनिक कोड होता है, जिससे वाहन की पहचान आसानी से हो जाती है। कई वाहन मालिकों को हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट की अनिवार्यता और इसके लाभों के बारे में जानकारी नहीं है। इस कमी के कारण वाहन मालिक इस नए नियम को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं और पुराने प्लेट्स का ही उपयोग कर रहे हैं।
विभागीय कार्रवाई का अभाव
संबंधित विभाग द्वारा इस नियम को लागू कराने के लिए आवश्यक कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। इसके चलते न तो वाहन मालिकों पर कोई सख्त कार्रवाई हो रही है और न ही उन्हें अनिवार्य हाई सिक्योरिटी लगवाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। अनिवार्य होने के बावजूद कई वाहन मालिक इसे अनदेखा कर रहे हैं, जो सुरक्षा मानकों के प्रति लापरवाही को दर्शाता है।
ये समाधान और आवश्यक कदम
विभाग को हाई सिक्योहिटी नंबर प्लेट के फायदे और इसकी अनिवार्यता के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए अभियान चलाना चाहिए। नियम का पालन न करने वाले वाहन मालिकों पर जुर्माना लगाकर इसे अनिवार्य बनाना जरूरी है, ताकि सभी वाहन हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट से लैस हो सकें। विभाग वाहन मालिकों को हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगवाने के लिए छूट या सुविधाएं प्रदान कर सकता है, जिससे वे इसे अपनाने के लिए प्रेरित हों। हाई-सिक्योरिटी नंबर प्लेट की अनिवार्यता का उद्देश्य सिर्फ कानून का पालन नहीं, बल्कि सडक़ सुरक्षा और अपराध नियंत्रण भी है। विभाग और वाहन मालिकों के सहयोग से ही यह पहल सफल हो सकती है।
होलोग्राम वाली होगी नंबर प्लेट
जिला परिवहन अधिकारी विक्रमजीत सिंह कंग ने बताया कि हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट वाले वाहनों पर चालानी कार्रवाई की जाएगी। यह एल्युमीनियम निर्मित नंबर प्लेट है। इसके ऊपर बाई ओर एक नीले रंग का होलोग्राम होता है। जिसके नीचे एक यूनिक ब्रांडेड 10 अंकीय स्थाई पहचान संख्या पिन दिया जाता है, जिसे स्कैन करने पर वाहन की पूरी जानकारी मिल जाती है। पंजीकृत अंकों पर एक हॉट स्टेप फिल्म लगाई जाती है। नीले रंग में शॉर्ट में इंडिया लिखा होता है। एचएसआरपी नंबर प्लेट से वाहन आसानी से ट्रेस हो पाएगा, इससे चोरी भी रुकेगी।
300 से 1000 तक आएगा खर्च
जिला परिवहन अधिकारी विक्रमजीत सिंह कंग ने बताया कि पुराने वाहनों पर 15 दिसंबर तक हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट लगवाना अनिवार्य किया गया है। वाहन मालिक को संबंधित कंपनी के डीलर के पास रजिस्ट्रेशन कार्ड सहित अन्य दस्तावेज लेकर जाना होगा। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन होगा। इसके लिए दो पहिया वाहनों को 300 से 400 और चार पहिया वाहनों के लिए 800 से 1000 रुपए फीस देना होगी।
जिले के एक लाख वाहनों पर 15 दिसंबर तक हाई सिक्योरिटी प्लेट लगवाना अनिवार्य
हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट एक होलोग्राम स्टीकर होता है। जिसमें किसी भी गाड़ी के इंजन और चेसिस नंबर आदि की जानकारी होती है। इस नंबर को हाथ से नहीं बल्कि प्रेशर मशीन के जरिए लिखा जाता है। नए ट्रैफिक नियमों के तहत अब दो पहिया और चार पहिया दोनों बाहनों के लिए हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट को अनिवार्य कर दिया गया है। हाई सिक्योरिटी प्लेट में किसी भी तरह की छेड़छाड़ करना संभव नहीं होता है।
वाहनों की चोरी में आएगी कमी
नंबर प्लेट डिजिटलीकरण होने से वाहन चोरी में कमी आएगी। देश भर में सभी वाहनों की नंबर प्लेट एक जैसी होंगी और कोई इसमें परिवर्तन नहीं कर सकेगा। गाड़ी की नंबर चोरी की आशंका भी कम हो जाएगी। जिससे सडक़ और वाहन से संबंधित अपराधों में कमी आएगी और हाई सिक्यूरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट के जरिए अवैध नंबर प्लेटों की बिक्री पर रोक लगेगी। इसके अलावा गाडिय़ों से संबंधित पूरे डेटा का डिजिटलीकरण होने से काम में आसानी रहेगी।
इनका कहना है
हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट सभी वाहनों के लिए अनिवार्य है। चेकिंग कर कार्रवाई की गई है। आगे भी कार्रवाई की जाएगी। लोगों को जागरुक भी किया जा रहा है।
विक्रमजीत सिंह कंग, आरटीओ