छतरपुर

निजी नर्सिंग होम में मरीज की सर्जरी करने वाले डॉक्टर ने आखिरकार ऑपरेशन करना स्वीकारा

छतरपुर जिले के एक निजी अस्पताल होम में सर्जरी करते हुए पकड़े गए डॉक्टर राजेंद्र धमनिया के खिलाफ कार्रवाई के लिए सीएमएचओ ने कार्रवाई के लिए कलेक्टर को प्रतिवेदन भेज दिया है। यह कदम जिला अस्पताल से रेफर कराकर हृदेश नर्सिंग होम में मरीज का ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर के खिलाफ उठाया गया है।

छतरपुरJan 18, 2025 / 10:42 am

Dharmendra Singh

जिला अस्पताल के हड्डी रोग ओपीडी दोपहर बाद बंद

छतरपुर. छतरपुर जिले के एक निजी अस्पताल होम में सर्जरी करते हुए पकड़े गए डॉक्टर राजेंद्र धमनिया के खिलाफ कार्रवाई के लिए सीएमएचओ ने कार्रवाई के लिए कलेक्टर को प्रतिवेदन भेज दिया है। यह कदम जिला अस्पताल से रेफर कराकर हृदेश नर्सिंग होम में मरीज का ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर के खिलाफ उठाया गया है। जिला अस्पताल में कार्यरत डॉ. राजेंद्र धमनिया पर आरोप है कि उन्होंने पहले पप्पू अहिरवार नामक मरीज का ऑपरेशन करने से इंकार कर दिया था और इसके बाद दूसरे डॉक्टर के पास मामले को डालने की कोशिश की। लेकिन जब संयुक्त टीम ने मामले की सख्ती दिखाई तो उन्होंने सर्जरी करने की बात स्वीकार कर ली है। उन्होंने जांच टीम को लिखित में बयान भी दे दिया है।

लाइसेंस निरस्त करने के बाद कार्रवाई का प्रस्ताव


सीएमएचओ व एसडीएम की जांच के दौरान यह भी पाया गया कि हृदेश नर्सिंग होम में डॉ. धमनिया के अलावा कोई अन्य चिकित्सक नहीं था। इसके साथ ही नर्सिंग होम में छात्राएं सेवाएं दे रही थीं, जो नियमों का उल्लंघन है। ऐसे में सीएमएचओ डॉ. आरपी गुप्ता ने नर्सिंग होम का लाइसेंस निरस्त कर दिया है और अब डॉ. धमनिया के खिलाफ कार्रवाई प्रस्तावित की है।

हड्डी रोग के मरीजों को निजी अस्पताल ले जाने का चल रहा गोरख धंधा


छतरपुर जिला अस्पताल में हड्डी रोग के मरीजों को अक्सर निजी अस्पतालों में भेजा जा रहा है। कुछ डॉक्टर अपने निजी नर्सिंग होम में मरीजों का ऑपरेशन करते हैं और इसके लिए मोटी रकम वसूलते हैं। यह खेल पिछले कुछ समय से चल रहा है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। लेकिन इस खेल में शामिल डॉक्टरों के खिलाफ कोई निलंबन की कार्रवाई अब तक नहीं की गई है। नतीजतन, यह मामला अब भी बदस्तूर जारी है।

अस्पताल से बंक मारकर निजी अस्पतालों में सेवाएं दे रहे डॉक्टर


जिला अस्पताल में कुछ डॉक्टरों की आदत बन गई है कि वे अपने शिफ्ट के बाद निजी नर्सिंग होम में काम करने चले जाते हैं, जबकि उनका मुख्य कार्य जिला अस्पताल में होता है। कुछ डॉक्टर तो सिर्फ ओपीडी में हाजिरी डालने आते हैं और फिर गायब हो जाते हैं। यह सिलसिला लंबे समय से चल रहा है, लेकिन अब तक ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। अधिकारियों के निरीक्षण के दौरान भी कई डॉक्टर गैरहाजिर पाए गए, लेकिन उनके खिलाफ सिर्फ नोटिस जारी किए गए और कार्रवाई की खानापूर्ति की गई। ऐसे मामलों में सुधार लाने के लिए कलेक्टर और प्रशासन को गंभीर कदम उठाने की आवश्यकता है।

हिदायत से आगे नहीं बढी कार्रवाई इसलिए सुधार नहीं


कलेक्टर, अपर कलेक्टर, एसडीएम और सीएमएचओ द्वारा कई बार निरीक्षण किए गए हैं और डॉक्टरों को हिदायत दी गई है, लेकिन कार्यप्रणाली में कोई खास सुधार नहीं आया। अब प्रशासन को सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की उपस्थिति और कार्यप्रणाली में सुधार हो सके और नागरिकों को सही समय पर उपचार मिल सके।

Hindi News / Chhatarpur / निजी नर्सिंग होम में मरीज की सर्जरी करने वाले डॉक्टर ने आखिरकार ऑपरेशन करना स्वीकारा

Copyright © 2025 Patrika Group. All Rights Reserved.