भारतीय रेलवे पर सभी रूट तथा व्यस्त मार्गो पर थिक वेब स्विच (टीडब्ल्यूएस) लगा रही है। थिक वेब स्विच को इस प्रकार डिजाइन किया गया है कि यह कंक्रीट स्लीपरों पर आसानी से इंस्टॉल किए जा सकते हैं। थिक वेब स्विच रेल लाइन की सुरक्षा को मजबूत बनाने के साथ-साथ उसकी लाइफ को भी बढ़ाने में पूरा सहयोगा करेगा तथा कंपन की भी कम करता है, जोकि अधिक स्पीड के रेल संचालन में आवश्यक होता है.।
इसके साथ ही ट्रेनों के संचालन के दौरान इस नई तकनीकी के प्रयोग से कंपन भी कम होता है। पिछले वित्तीय वर्ष में झांसी मंडल में विभिन्न रेल वार्ड तथा टर्न आउट लोकेशनों में कुल 199 थिक वेब स्विच लगाए गए थे। और वर्तमान वित्तीय वर्ष में अभी तक 105 थिक वेब स्विच अभी लगाए जा चुके हैं। थिक वेब स्विच ट्रैक की सुरक्षा को मजबूत बनाने के साथ-साथ उसकी लाइफ को भी बढ़ाता है। इस नई तकनीक के प्रयोग से टर्न आउट संबंधित फेलियर न के बराबर रह जाते है। साथ ही इस पर अनुरक्षण व्यय भी पहले की तुलना में कम आता है। संरक्षा की दृष्टि से यह आधुनिकतम प्रणाली अत्याधुनिक और विश्वसनीय मानी जा रही है।
पटरियों में ट्रेनों की दिशा बदलने के लिए टर्न आउट लगे होते हैं, अभी तक उसमें परंपरागत स्विच का प्रयोग होता रहा है। लेकिन अब थिक वेब स्विच लगाने का काम तेजी से चल रहा है। थिक वेब स्विच लगाने का मुख्य उद्देश्य ट्रेनों को 130 किमी प्रति घंटे की स्पीड तक ले जाना है, जिसे भविष्य में 160 किमी प्रति घंटे तक बढ़ाया जा सकेगा। इसके अलावा इससे लूप लाइन में भी ट्रेनों की गति 30 किमी प्रति घंटे से बढक़र 50 किमी प्रति घंटे हो सकेगी।
झांसी रेल मंडल अंतर्गत आने वाली सभी लाइनों पर ट्रेनों की स्पीड और बढ़ाई जा रही है। खजुराहो ललितपुर रेलखंड का एक साल पहले ही विद्युतीकरण का कार्य पूरा हुआ है। इसके बाद ट्रेनों की स्पीड 100 किलोमीटर प्रति घंटा की गई थी । विद्युतीकरण के पहले तक इस रेलखंड पर ट्रेनें 70 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलाई जा रही थीं। ट्रेनों की स्पीड बढऩे से यात्रियों को आधे घंटे की बचत हो रही है। थिक वेब सिस्टम के जरिए खजुराहो से ललितपुर का 190 किलोमीटर का सफर आसान और आरामदायक हो जाएगा। खजुराहो ललिपुर ट्रैक पर पहली ट्रेन 18 अक्टूबर 2016 को दौड़ी थे, तभी इस पैसेंजर ट्रेन का संचालन नियमित हो रहा है। इस रेलखंड के बीच 14 स्टेशन हैं। वर्तमान में इस रुट पर 6-7 यात्री गाडिय़ों सहित मालगाडिय़ां चलती हैं।
ट्रेनों की स्पीड बढऩे से रेलवे को भी फायदा होगा। झांसी मंडल के रेलवे ट्रैकों पर थिक वेब स्विच पॉइंट मशीन लगाने का कार्य तीव्र गति से किया जा रहा है। इसके लगने पर ट्रेनों की गति के साथ सुरक्षा भी बढ़ेगी।
आशुतोष, डीआरएम, झांसी