छतरपुर. जिला मुख्यालय के नया मोहल्ला में संचालित प्राइमरी स्कूल ठीक बूचडख़ाने के बगल में चल रहा है। इस बारे में कई बार जिम्मेदारों का ध्यान आकृष्ट कराया गया पर आज तक एक ही परिसर से स्कूल या बूचडख़ाने को नहीं हटाया गया है। देखा जाए तो ये प्रदेश का एकमात्र ऐसा स्कूल होगा, जहां प्राथमिक स्कूल के 70 बच्चे बूचडख़ाना में हो रही हिंसा देख रहे हैं। समस्या की ओर जब भी ध्यान आक र्षित किया जाता तो प्रशासन शिफ्टिंग की बात कहता, लेकिन बाद में जिम्मेदार एक दूसरे पर बात टालकर मामला को ठंडे बस्ते में डाल देते हैं।
गंदगी व बदबू से लोग परेशान
एक ही परिसर में एक तरफ बकरे काटे जाते हैं और दूसरी तरफ बच्चे अक्षर ज्ञान का सबक पढ़ते हैं। इस स्कूल में बच्चों को पढ़ाने के लिए भरपूर स्टाफ है। सुबह से जब बच्चे स्कूल पहुंचते हैं तब बगल में खुले बूचडख़ाने में बकरों को काटा जाता है। इसके बाद मांस का विक्रय शुरू हो जाता है। हिंसा के नजारे के साथ गंदगी और बदबू के बीच पढ़ाई कैसे होती होगी ये सोचने वाली बात है। स्कूल परिसर के बाहर सफाई न होने से कचरे का ढ़ेर लगा रहता है। गंदगी पर पशुओं का जमावड़ा बना रहता हैं। लोगों का कहना है यहां गंदगी और बदबू के बीच आसपास की बस्ती के लोग रहते हैं, बूचडख़ाने में सफाई पर नियमित ध्यान नहीं दिया जाता है। स्कूल को कहीं और शिफ्ट कराने व बूचडख़ाने के आधुनिकीकरण मांग काफी समय से की जा रही है।
बच्चों के मनोविकास पर असर
ऐसे माहोल में बच्चों के मनोविकास पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। जिससे स्कूल में अकसर छात्रों की उपस्थिति कम रहती है, ऐसे में स्टाफ सिर्फ खानापूर्ति के लिए स्कूल आता है। बच्चों के अभिभावक व जागरूक लोग यह मांग काफी समय से कर रहे हैं कि बूचडख़़ाने को कहीं और शिफ्ट कराया जाए या फिर स्कूल को। इस मांग पर स्कूल शिक्षा विभाग आज तक ध्यान नहीं दे सका है। लोगों का कहना है कि यहां से स्कूल को कहीं और स्थानांतरित करके स्लाटर हाउस में दुकानें बनाकर मुख्य सडक़ पर लगने वाली मीट की दुकानों को यहां शिफ्ट कर दें तो बेहतर होगा।
पिछले साल दरवाजा बदलने की बनी थी योजना
तात्कालीन अपर कलक्टर नम: शिवाय अरजरिया ने नया मोहल्ला स्थित स्लॉटर हाउस का निरीक्षण किया। इस दौरान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विक्रम सिंह एवं नगरपालिका सीएमओ माधुरी शर्मा भी उपस्थित रहीं। एडीएम ने खुले में मांस की दुकाने लगाने वालों को समझाइस देते हुए निर्देशित किया कि खुले में मांस से संबंधित सामग्री का विक्रय न करें। उन्होंने कहा स्लॉटर हाउस में आवंटित दुकानों में ही विक्रय करें। एडीएम ने नगरपालिका को स्वच्छता व्यवस्था दुरूस्त करने के निर्देश दिए। एडीएम ने दुकानदारों को समझाइस देेते हुए कहा कि खुले में मांस का विक्रय करते पाए जाने पर संबंधित पर कार्रवाई की जाएगी। एडीएम ने वहां स्थित प्राथमिक शाला का निरीक्षण कर स्कूल का द्वार मेन रोड की तरफ करने का प्लान तैयार करने के निर्देश दिए। लेकिन इस निर्देश पर अमल नहीं हो सका और हालात ज्यों के त्यों हैं।
नए स्लाटर हाउस का इस्तेमाल कर हो सकता है समाधान
लगभग दो करोड़ की लागत से शहर से बाहर नगरपालिका 6 साल पहले बूचडख़ाना बना चुकी है, तो उसका उपयोग सुनिश्चित क्यों नहीं किया जा रहा है। सवाल यह भी है कि रिहायशी बस्ती में बूचडख़ाना जरूरी है, या स्कूल जरुरी है। शहर में मांस, मछली की दुकानें खुले में संचालित न हों, इसके लिए 6 साल पूर्व पनौठा रोड स्थित मछली मंडी बनाई गई है। यहां बूचडख़ाना भी बनाया गया है। लेकिन यहां मंडी का संचालन नहीं होता है। स्थिति यह है कि नवनिर्मित भवन में ताला लटका है और शहर में जगह-जगह खुले में मांस विक्रय हो रहा है।
कलेक्टर ने मांगी रिपोर्ट
बहरहाल दोनों के तर्क सुनने के बाद कलेक्टर पार्थ जैसवाल ने एसडीएम अखिल राठौर से निरीक्षण कर रिपोर्ट देने को कहा है कि तय किया जा सके कि क्या जरूरी है। उन्होंने अधिकारियों को समस्या का समाधान करने की ताकीद भी दी है। समाधान के रुप में स्लाटर हाउस को नए भवन में संचालित किया जा सकता है। या स्कूल भवन को भी शिफ्ट कर नए स्थान पर ले जाने से भी समाधान निकल सकता है। कलेक्टर के रिपोर्ट मांगने पर अब इस समस्या के समाधान की उम्मीद फिर से जागी है।