छतरपुर. सेवा सहकारी समिति सेंधपा में लाखों रुपए का घोटाला हुआ। इस घोटाले की जांच लोकायुक्त भोपाल में की गई। लोकायुक्त एसपी ने मामले की जांच संयुक्त पंजीयक सहकारिता से कराई। जांच में सिद्ध हो गया कि समिति प्रबंधक ने 74 लाख 86 हजार 460 रुपए का घोटाला किया है। लोकायुक्त ने इस संबंध में कार्रवाई के लिए महाप्रबंधक जिला सहकारी केंद्रीय बैंक को लिखा। रिमांइडर भी लिखा, तब जाकर अब बैंक प्रबंधन ने समिति के प्रबंधक को बदल दिया है। लवकुशनगर की महिला समिति प्रबंधक चार्ज दिया गया है। लेकिन अभी तक एफआइआर नहीं हुई है।
शिकायत पर लोकायुक्त ने कराई जांच
सेवानिवृत्त वरिष्ठ सहकारिता निरीक्षक आरके शर्मा ने एसपी विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त भोपाल में शिकायत दर्ज कराई थी कि सेवा सहकारी समिति सेंधपा के प्रभारी समिति प्रबंधक राज महेंद्र सिंह, समिति के प्रशासक जगदीश गुप्ता, ऑडिटर आरके श्रीवास्तव, उपायुक्त पीआर कावडक़र द्वारा करोड़ों रुपए की वित्तीय गड़बड़ी की है। इस पर एसपी लोकायुक्त ने मामले की जांच संयुक्त पंजीयक सहकारिता सागर शिवेंद्र देव पांडेय से कराई।
जांच में दोषी पाए गए समिति प्रबंधक
जांच में संयुक्त पंजीयक पांडेय ने पाया कि सेवा सहकारी समिति सेंधपा के प्रभारी समिति प्रबंधक ने बचत खाता से 7 लाख 45 हजार 131 रुपए आहरित कर लिए और इसका कैशबुक में कहीं उल्लेख नहीं किया। 14 लाख 39 हजार 614 रुपए वसूली से अधिक राशि का नियम विरुद्ध तरीके से भुगतान किया गया। 4 लाख 26 हजार रुपए खाद परिवहन के नाम पर गबन करने पर जेआर शिवेंद्र देव पांडेय द्वारा सेवा सहकारी समिति सेंधपा के प्रबंधक राज महेंद्र सिंह को 74 लाख 86 हजार 460 रुपए का घोटाले करने का दोषी पाया गया।
इन कार्यो में वित्तीय अनियमित्ता मिली
राज महेंद्र सिंह ने 19 लाख 480 रुपए राशन बिक्री की राशि को जमा ही नहीं कराया। 24 लाख 80,314 रुपए का 90 टन डीएपी खाद लिया, लेकिन स्टॉक रजिस्टर में इसकी एंट्री ही नहीं की गई। राज महेंद्र द्वारा 6 टन डीएपी द्वारा उठाया गया, लेकिन इसकी भी स्टॉक रजिस्टर में एंट्री नहीं की गई। इस खाद का मूल्य एक लाख 71347 रुपए था। 3 लाख 35 हजार 707 रुपए ऋण माफी का किसानों को नकद भुगतान करना दिखाया गया, जबकि उक्त राशि बैंक खाते में ही देना का प्रावधान है। राज महेंद्र द्वारा कैश क्रेडिट गेहूं से उपार्जन व्यय के लिए 12 लाख 58 हजार 420 रुपए एडवांस ले लिए, लेकिन इसका विधिवत भुगतान नहीं दिखा गया। ऐसी ही 6 लाख 10,447 रुपए गेहूं खरीदी व्यय मद में निर्धारित दर से अधिक राशि को व्यय कर दिया गया। इस तरह से जेआर शिवेंद्र देव पांडेय ने पाया कि राज महेंद्र सिंह ने वर्ष 2018-19 में 74 लाख 86 हजार 460 रुपए की वित्तीय गड़बड़ी की है। जांच में प्रशासक जगदीश गुप्ता, ऑडिटर आरके श्रीवास्तव और उपायुक्त पीआर कावडक़र दोषी नहीं पाए गए। जांच अधिकारी शिवेंद्र देव पांडेय ने अपनी जांच रिपोर्ट एसपी लोकायुक्त भोपाल को सौंप दी।
इस तरह हुई कार्रवाई में देरी
इस पर लोकायुक्त एसपी भोपाल ने लोकायुक्त सागर को पत्र लिखकर इस संबंध में विभागीय अधिकारियों से कार्रवाई के लिए लिखा। लोकायुक्त डीएसपी सागर बीएम द्विवेदी ने इस संबंध में 11 जून को महाप्रबंधक जिला सहकारी केंद्रीय बैंक छतरपुर को पत्र लिखकर गबन के आरोपी राज महेंद्र सिंह के खिलाफ कार्रवाई कर लोकायुक्त को अवगत करने के निर्देश दिए। कार्रवाई में देरी से जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के महाप्रबंधक आरएस भदौरिया द्वारा 74 लाख 86 हजार 460 रुपए का गबन के आरोपी को बचाने के प्रयास करन के आरोप लगे। लोकायुक्त के 11 जून के पत्र पर कार्रवाई नहीं होने पर लोकायुक्त डीएसपी बीएम द्विवेदी ने 20 अगस्त को दूसरा पत्र महाप्रबंधक को लिखकर वैधानिक कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। इस मामले में जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के महाप्रबंधक आरएस भदौरिया से पक्ष जानने का प्रयास किया गया, लेकिन उनके मोबाइल फोन नंबर 8839527823 पर संपर्क नहीं हो सका।
इनका कहना है
मुझे बताया गया है कि बैंक महाप्रबंधक द्वारा उपायुक्त सहकारिता छतरपुर को पत्र कार्यवाही के लिए लिखा गया है। समिति का चार्ज बदल दिया गया है। आगे की कार्रवाई के लिए निर्देश दिए गए हैं।
करुणेन्द्र प्रताप सिंह, प्रशासक, जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित, छतरपुर