समाधि लेने से पहले बाबा नारायण दास ने ग्रामीणों से कहा था कि, ‘रामनवमी के दिन जब मैं अंदर से आवाज दूं, तब मुझे बाहर निकाल लेना।’ हालांकि, बाबा द्वारा समाधि लेने के बाद सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचे पुलिस और प्रशासन के अफसरों ने सिद्ध बाबा मंदिर के पास बनी समाधि को हटाने के लिए पंचनामा तैयार किया। यही नहीं, बाबा को गड्ढे से बाहर निकालते हुए उनके खिलाफ लापरवाह व्यवहार करने के तहत कार्रवाई की गई है।
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पुलिस ने समाधि उखाड़कर बाबा को बाहर निकाला
बाबा नारायण दास कुशवाहा ने 28 मार्च की दोपहर 1 बजकर 40 मिनट पर सिद्ध बाबा मंदिर के पास समाधि ली थी। लोगों का कहना है कि, बाबा पहले भी दो बार समाधि ले चुके हैं। गांववालों ने पूजा-अर्चना करते हुए गड्ढे में लेटे बाबा पर लोहे ही प्लेटें रख दी थीं। फिर उनके ऊपर 2 फीट तक मिट्टी डाल दी। समाधि पर 5 मटके भी रख दिए थे। जानकारी लगने पर पुलिस और प्रशासन एक्टिव हुआ और सिविल लाइन थाना पुलिस और तहसीलदार मौके पर पहुंचे और उन्हें गड्ढे से बाहर निकाला।
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पहले भी एक पुजारी हो चुका है गिरफ्तार
तहसीलदार संध्या अग्रवाल ने मौके पर पहुंचकर पुलिस की मदद से बाबा को गड्ढे से बाहर निकलवाया। पुलिस ने जब गड्ढे से मिट्टी हटवाई, तो देखा कि अंदर बाबा लेटे हुए थे। उनके सिर के पास एक दीपक जल रहा था। पुलिस ने आवाज देकर उन्हें उठाया और सबसे पहले मेडिकल के लिए अस्पताल ले गए। वहीं, मामले को लेकर सीएसपी लोकेंद्र सिंह ने बताया कि, पुलिस की मदद से बाबा को समाधि से बाहर निकलवाया गया। इसके लिए उन्होंने प्रशासन से कोई अनुमति नहीं ली थी। आपको बता दें कि, करीब 5 साल पहले भी एक पुजारी ने समाधि लेने की कोशिश की थी। हालांकि, मामला प्रशासन के संज्ञान में आते ही पुजारी को हिरासत में ले लिया गया था।