छतरपुर

जिला अस्पताल में अव्यवस्था से मरीज परेशान, घंटों इंतजार के बाद भी समय पर नहीं मिल पा रही दवा और इलाज

जिला अस्पताल में अव्यवस्था का आलम है, जिससे मरीजों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। दवाइयों और इलाज के लिए मरीजों को घंटों इंतजार करना पड़ता है, लेकिन इसके बावजूद उन्हें समय पर दवाएं और चिकित्सा सुविधा नहीं मिल पा रही हैं।

छतरपुरNov 17, 2024 / 10:54 am

Dharmendra Singh

दवा के काउंटर पर लाइन

छतरपुर. जिला अस्पताल में अव्यवस्था का आलम है, जिससे मरीजों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। दवाइयों और इलाज के लिए मरीजों को घंटों इंतजार करना पड़ता है, लेकिन इसके बावजूद उन्हें समय पर दवाएं और चिकित्सा सुविधा नहीं मिल पा रही हैं। मरीजों का कहना है कि अस्पताल में पंजीकरण के लिए लंबी कतारें लगानी पड़ती हैं। डॉक्टर और स्टाफ की कमी की वजह से इलाज में भी काफी देरी हो रही है। कुछ मरीजों ने आरोप लगाया कि उन्हें निजी क्लीनिक जाने के लिए मजबूर किया जा रहा है, क्योंकि सरकारी अस्पताल में सही समय पर इलाज उपलब्ध नहीं हो रहा।

ये कह रहे मरीज


खुजली की समस्या लेकर सुबह 10 बजे जिला अस्पताल डॉक्टर को दिखाने पहुंचे थे। डॉक्टर ने दवा लिख दी, लेकिन रामचरण ने बताया कि दवा लेने के लिए एक घंटे तक लाइन में लगने के बाद ही उनका नंबर आया।
रामचरण कुशवाहा, निवासी संकट मोचन पहाड़ी

एलर्जी की समस्या के चलते सुबह 11 बजे डॉक्टर को दिखाने जिला अस्पताल आया था। डॉक्टर ने दवा लिख दी, लेकिन एक घंटे से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी दवा नहीं मिल पाई। लाइन में खड़ा हूं।
उमाशंकर अहिरवार, रगोली निवासी

एक्सीडेंट में दाएं पैर की हड्डी टूट गई थी और 12 टांके लगे हैं चंदला अस्पताल से जिला अस्पताल रेफर किए जाने के बाद 7 नवंबर को भर्ती किया गया। डॉक्टरों ने दो दिन बाद ऑपरेशन की बात कही थी, लेकिन 16 नवंबर तक ऑपरेशन नहीं हुआ।
वीरेंद्र राजपूत. दीवानखोड़ा निवासी

6 नवंबर को बाएं हाथ में इंफेक्शन के इलाज के लिए जिला अस्पताल आया था। 11 नवंबर को ऑपरेशन किया गया, डॉक्टर केवल 24 घंटे में एक बार आते हैं और बाहर का इंजेक्शन लिखकर चले जाते हैं।
तखत सिंह, निवासी मडियादो

11 नवंबर को परिजनों ने लाठी-डंडों से मारपीट की। सिर में 15 टांके और दोनों हाथों में फ्रैक्चर हुआ है। 11 नवंबर दोपहर 2 बजे अस्पताल में भर्ती होने के बाद डॉक्टर 14 नवंबर को पहली बार देखने आए और कुछ जांचें,एक्सरे और सिटी स्कैन लिखा और चले गए । 16 नवंबर को प्लास्टर बंध सका।
मलखान कुशवाहा . मुड़हरा निवासी

मरीजों की संख्या बढऩे पर समस्या आती है। अस्पताल में उपलब्ध संसाधनों के जरिए बेहतर करने के प्रयास किए जा रहे हैं। सुधार के प्रयास आगे भी जारी रहेंगे।
डॉ. जीएल अहिरवार, सिविल सर्जन

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