ज्यादा फीस देने वाले छात्र ही पढ़ाई से वंचित
निजी कॉलेजो में ज्यादा फीस जमा कर एडमिशन लेने वाले छात्र-छात्राएं ही पढ़ाई से वंचित हो रहे हैं। शासकीय कॉलेजों में जहां 350 रुपए फीस लगती है, वहीं निजी कॉलेजों में दस हजार तक फीस देने के वाबजूद छात्र-छात्राएं पढ़ाई से अबतक वंचित हैं। कोरोना संक्रमण के चलते इस वर्ष कॉलेजों में एडमिशन प्रक्रिया में देरी हुई और अब क्लासें न लगने से इस वर्ष की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। वहीं नवंबर-दिसंबर में बिना पढ़ाई छात्र-छात्राओं को परीक्षाएं देना होगी, जिससे उनके परिणाम पर बुरा असर पड़ेगा।
निजी कॉलेजो में ज्यादा फीस जमा कर एडमिशन लेने वाले छात्र-छात्राएं ही पढ़ाई से वंचित हो रहे हैं। शासकीय कॉलेजों में जहां 350 रुपए फीस लगती है, वहीं निजी कॉलेजों में दस हजार तक फीस देने के वाबजूद छात्र-छात्राएं पढ़ाई से अबतक वंचित हैं। कोरोना संक्रमण के चलते इस वर्ष कॉलेजों में एडमिशन प्रक्रिया में देरी हुई और अब क्लासें न लगने से इस वर्ष की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। वहीं नवंबर-दिसंबर में बिना पढ़ाई छात्र-छात्राओं को परीक्षाएं देना होगी, जिससे उनके परिणाम पर बुरा असर पड़ेगा।
लिंक के जरिए करा रहे ऑनलाइन पढ़ाई
जिले के शासकीय कॉलेजो में व्हाट्सऐप ग्रुप के जरिए छात्र-छात्राओं को जोड़ा गया है। इसी ग्रुप में विषय वार क्लास की समय सारणी व पढ़ाने वाले प्रोफेसर की जानकारी शेयर की जाती है। फिर समय सारणी के मुताबिक लिंक के जरिए 40-40 मिनट के पीरियड लगाकर छात्र-छात्राओं की ऑनलाइन पढ़ाई कराई जाती है। ेजिले के नोडल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. डीपी शुक्ला ने बताया कि यूजी और पीजी की ऑनलाइन क्लासें लगाई जा रही हैं। प्रोफेसर्स गूगल मीट के जरिए महाराजा कॉलेज के करीब 6 हजार बच्चो ंको ऑनलाइन पढ़ा रहे हैं।
छात्र संगठन भी मौन
कॉेलेज में पढ़ाई न होने पर छात्र इकाइंया भी मौन साधे हुए हैं। ज्यादा फीस चुकाकर भी ऑनलाइन पढ़ाई न होने पर निजी कॉलेजों के बारे में अखिल भारतीय छात्र विद्यार्थी परिषद और भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन के पदाधिकारियों द्वारा आवाज नहीं उठाई जा रही है। छात्र हित के मुद्दे पर छात्र संगठनों की चुप्पी पर भी सवाल उठने लगे हैं।
जिले के शासकीय कॉलेजो में व्हाट्सऐप ग्रुप के जरिए छात्र-छात्राओं को जोड़ा गया है। इसी ग्रुप में विषय वार क्लास की समय सारणी व पढ़ाने वाले प्रोफेसर की जानकारी शेयर की जाती है। फिर समय सारणी के मुताबिक लिंक के जरिए 40-40 मिनट के पीरियड लगाकर छात्र-छात्राओं की ऑनलाइन पढ़ाई कराई जाती है। ेजिले के नोडल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. डीपी शुक्ला ने बताया कि यूजी और पीजी की ऑनलाइन क्लासें लगाई जा रही हैं। प्रोफेसर्स गूगल मीट के जरिए महाराजा कॉलेज के करीब 6 हजार बच्चो ंको ऑनलाइन पढ़ा रहे हैं।
छात्र संगठन भी मौन
कॉेलेज में पढ़ाई न होने पर छात्र इकाइंया भी मौन साधे हुए हैं। ज्यादा फीस चुकाकर भी ऑनलाइन पढ़ाई न होने पर निजी कॉलेजों के बारे में अखिल भारतीय छात्र विद्यार्थी परिषद और भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन के पदाधिकारियों द्वारा आवाज नहीं उठाई जा रही है। छात्र हित के मुद्दे पर छात्र संगठनों की चुप्पी पर भी सवाल उठने लगे हैं।
ऑनलाइन पढ़ाई के निर्देश सभी के लिए
शासकीय व निजी, दोनों तरह के कॉलेजों में ऑनलाइन पढ़ाई कराने के निर्देश हैं। निजी कॉलेजों में पढ़ाई शुरु नहीं हुई है तो रिमांइडर भेजकर शासन के निर्देश का पालन कराया जाएगा।
डॉ. एलएल कोरी, अतिरिक्त संचालक, उच्च शिक्षा, सागर
शासकीय व निजी, दोनों तरह के कॉलेजों में ऑनलाइन पढ़ाई कराने के निर्देश हैं। निजी कॉलेजों में पढ़ाई शुरु नहीं हुई है तो रिमांइडर भेजकर शासन के निर्देश का पालन कराया जाएगा।
डॉ. एलएल कोरी, अतिरिक्त संचालक, उच्च शिक्षा, सागर