छतरपुर विधानसभा: मतदान के बाद भाजपा-कांग्रेस समर्थक अपनी-अपनी जीत के कयास लगा रहे हैं। कांग्रेस समर्थक बदलाव की लहर पर सवार होकर जीत के लिए आश्वस्त दिख रहे हैं। वहीं भाजपा कार्यकर्ता विकास के दम पर जीत का दंभ भर रहे हैं। मुख्य मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच होने से दोनों ही दलों के समर्थक अपनी-अपनी जीत का कयास लगा रहे हैं।
राजनगर विधानसभा: इस क्षेत्र में भी चाय-पान की दुकानों पर चर्चा का बाजार गर्म है। भाजपा, कांग्रेस और बसपा के समर्थक अपने-अपने आंकड़े बताकर जीत का दावा कर रहे हैं। भाजपा विकास के मुद्दे पर, कांग्रेस विधायक की छवि पर, बसपा जाति के वोट बैंक पर और सपा समर्थक पार्टी के उम्मीदवार के सहारे जीत की आस लगाए बैठी है।
महाराजपुर विधानसभा: क्षेत्र के गांव-गांव में लग रही चौपाल पर जीत के कयास लगाए जा रहे हैं। चर्चा हो रही है,कि किस पार्टी के उम्मीदवार की क्या स्थिति है? भाजपा समर्थक उम्मीदवार की छवि और सरकार के विकास कार्यो के दम पर जीत का दावा कर रहे हैं। वहीं चौपाल में कांग्रेस कार्यकर्ता बदलाव के प्रति जनता के मूड का हवाला देकर जीत का प्रतिदावा कर रहे हैं। बसपा और चाभी के समर्थक भी उम्मीदवार के समर्थन में मतदान की बात कहकर जीत की आस लगाए हैं।
बिजावर विधानसभा: विधानसभा इलाके के गांव और कस्बों में चाय की दुकान,नुक्कड पर लगने वाली चौपालों पर जीत-हार की चर्चा का बाजार गर्म है। कोई भाजपा को फायदा होने का हवाला देकर सीट भाजपा के कब्जे में ही रहने का दावा कर रहा है,तो कोई सपा को जनसमर्थन मिलने का दावा कर रहा है। वहीं कांग्रेस के समर्थक पार्टी उम्मीदवार के चेहरा और क्षेत्र में पकड़ के दावे के सहारे जीत का कयास लगा रहा है।
चंदला विधानसभा: इस सीट पर सबसे कम मतदान होने की चर्चा चोपालों में भी हो रही है। कम मतदान के पीछे कोई भाजपा के उम्मीदवार की जीत का कयास लगा रहा है, तो कोई कह रहा है,कि कांग्रेस और भाजपा के बीच मुख्य मुकाबला हुआ है, जिसमें कांग्रेस उम्मीदवार को सहानभूति मिली है,इसके सात ही सपा ने भाजपा के वोट काटकर कांग्रेस की राह आसान कर दी है। वहीं कुछ लोग कांग्रेस-भाजपा की लड़ाई में सपा के हाथ मारने की बात कह रहा है। वहीं बसपा के समर्थक पार्टी के वोट बैंक के भरोसे जीत की बात कह रहे हैं।
बड़ामलहरा विधानसभा: इस क्षेत्र की चौपालों पर भाजपा और कांग्रेस के बीच करीब की टक्कर की चर्चा हो रही है। कांग्रेस के समर्थक मतदान के एक-दो दिन पहले कांग्रेस के पक्ष में महौल बनने का हवाला देकर जीत का दावा कर रहे हैं। तो वहीं भाजपा उम्मीदवार की छवि और विकास कार्यो के दम पर भाजपा समर्थक जीत का दंभ भर रहे हैं।