बैठक को लेकर शासन के विशेष सचिव के आदेश पर जिले का भू अध्यापित विभाग रेलमार्ग के लिए अधिगृहित की गई जमीन के अभिलेख जुटा रहा है। प्रधानमंत्री की बैठक में खजुराहो से पन्ना व पन्ना से सतना रेल लाइन का मुद्दा भी उठेगा।
यह भी पढ़ेंः इस रेलवे स्टेशन पर भी होंगी वर्ल्ड क्लास सुविधाएं, पर्यटकों को तेज रफ्तार से पहुंचाएगी ट्रेनें
2017 में मिली थी रेल लाइन को स्वीकृति
दरअसल, विंध्य क्षेत्र और बुंदेलखंड को जोडऩे के लिए 541 किमी लंबी ललितपुर-सिंगरौली रेलवे लाइन परियोजना को 1997 में मंजूरी दी गई थी। 2017 में खजुराहो से पन्ना के बीच रेल लाइन को स्वीकृति मिली और 2024 से पैसेंजर ट्रेन चलाने का लक्ष्य रखा गया, लेकिन शुरुआत के तीन साल तक बजट और फिर वन भूमि हस्तांतरण व वाइल्ड लाइन की एनओसी के चक्कर में खजुराहो से पन्ना के बीच रेललाइन निर्माण के लिए अभी तक वन विभाग की जमीन हैंडओवर नहीं हो पाई है।
खजुराहो से पन्ना रेल लाइन के निर्माण की शुरुआत वाइल्ड लाइफ की क्लीयरेंस के चलते रुकी हुई है। वन भूमि व पेड़ों की क्षतिपूर्ति के बदले रेलवे ने रुपए तो जमा करा दिए हैं, लेकिन वाइल्डलाइफ की एनओसी लेने की प्रक्रिया में रेलवे देरी कर रहा है। इसके पीछे बजट की समस्या सामने आ रही है। ऐसे में पीएम के सामने मुद्दा उठने से समस्याओं के समाधान की संभावना बन गई है।
खजुराहो से पन्ना रेल लाइन के लिए 2100 करोड़ रुपए खर्च करके रेलवे लाइन, स्टेशन और ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। खुजराहो से पन्ना तक 72 किलोमीटर रेल लाइन डाली जाएगी।
खजुराहो से पन्ना के बीच रेलवे के 6 स्टेशन बनाए जाने हैं, जिसमें से छतरपुर जिले की सीमा में 20 किलोमीटर की दूरी में 2 स्टेशन बरखेड़ा, सूरजपुरा का निर्माण किया जाएगा। इसके बाद पन्ना जिले की सीमा में सबदुआ, बालूपुर, अजयगढ़ और सिंहपुर में रेलवे स्टेशन बनाए जाएंगे। पन्ना जिले में रेल लाइन के लिए वन विभाग से 309 हेक्टेयर जमीन राज्य शासन के जरिए रेलवे को हैंड ओवर करने की प्रक्रिया अंतिम चरण में जाकर अटक गई है।
रेल मंत्री के दौरे के बाद आई थी तेजी, अब ढिलाई
रेल लाइन के लिए वन विभाग से पहले चरण की मंजूरी मिलने के बाद रेलवे को वाइल्ड लाइफ से एनओसी लेना है, जिसके बाद जमीन को हैंडओवर करने के बाद अर्थवर्क शुरू होगा, लेकिन वाइल्डलाइफ की एनओसी पर फाइल एक साल से अटकी हुई है। दूसरे चरण की मंजूरी मिलते ही वन विभाग की 315 हेक्टेयर जमीन रेलवे को ट्रांसफर की जाना है। रेलवे को दी जाने वाली वन भूमि में 307 हेक्टेयर भूमि पन्ना जिले की और 8 हेक्टेयर जमीन छतरपुर जिले की अधिग्रहित होना है, लेकिन इसके लिए दूसरे चरण की मंजूरी जरूरी है, जिसके लिए रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव के खजुराहो दौरे के बाद कवायद तेज हुई, लेकिन उसके बाद कवायद ठंडे बस्ते में चली गई।