1962 में फिर कांग्रेस उम्मीदवार पंडित रामसहाय चुनाव जीते। हालांकि 1972 में जनता पार्टी ने सेंध लगाई और लक्ष्मीनारायण नायक चुनाव जीते। इसके बाद कांग्रेस से विद्यावती चतुर्वेदी 1980 और 1984 में सांसद चुनी गईं। उसके बाद भाजपा की उमा भारती ने खजुराहो सीट पर ऐसा कब्जा किया कि 1989, 1991, 1996, 1998 में लगातार जीत दर्ज की। 1999 में सत्यव्रत चतुर्वेदी के सहारे कांग्रेस की वापसी हुई। उसके बाद 2004, 2009, 2014 और 2019 से इस सीट पर भाजपा का कब्जा है।
जल संकट सबसे बड़ा मुद्दा खजुराहो लोकसभा क्षेत्र बुंदेलखंड और महाकौशल में फैला है। इस क्षेत्र में जलसंकट सबसे बड़ा मुद्दा है। हालांकि केन-बेतवा लिंक परियोजना के चलते इस समस्या के समाधान की बात राजनीतिक दल कर रहे हैं। इसके अलावा रोजगार की कमी, स्वास्थ्य और पलायन भी मुद्दे हैं।
राह नहीं आसान
कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के वोटरों को मिलाकर यहां भाजपा से लडऩे की योजना बनाई गई है। यादवों के साथ ही पटेल, अहिरवार वोटर्स को जोड़कर सपा पूरी ताकत झोंकेगी। गठबंधन के बाद भाजपा के लिए अब उतनी आसान नहीं है।
सपा का ऐलान बाकी
खजुराहो से मौजूदा सांसद वीडी शर्मा को टिकट दिया है। मुख्य मुकाबला भाजपा और सपा के बीच होगा। हालांकि सपा ने अब तक उम्मीदवार के नाम का ऐलान नहीं किया है। इस संसदीय सीट पर दूसरे चरण में 26 अप्रेल को मतदान होना है।
वर्ष | निर्वाचित |
2019 | वीडी शर्मा, भाजपा |
2014 | नागेंद्र सिंह, भाजपा |
2009 | जितेंद्र सिंह, भाजपा |
2004 | रामकृष्ण कुसमरिया, भाजपा |
1999 | सत्यव्रत चतुर्वेदी, कांग्रेस |
1998 | उमा भारती, भाजपा |
1996 | उमा भारती, भाजपा |
1991 | उमा भारती, भाजपा |
1989 | उमा भारती, भाजपा |
2019 के परिणाम
वीडी शर्मा, भाजपा 8,11,135
कविता सिंह, कांग्रेस 3,18,753
वीर सिंह पटेल, सपा 40,077
नोटा 10,306
ये विधानसभा सीटें
लोकसभा सीट खजुराहो के तहत चंदला, राजनगर (छतरपुर जिला), पवई, गुनौर, पन्ना (पन्ना जिला), विजयराघवगढ़, मुड़वारा और बहोरीबंद (कटनी जिला) विधानसभा से भाजपा के विधायक हैं।