डिजिटल भुगतान की प्रमुख विशेषताएं
1.क्यूआर कोड स्कैन: यात्रियों को केवल क्यूआर कोड स्कैन करना होगा, जिसमें भुगतान राशि और सभी आवश्यक जानकारी पहले से उपलब्ध रहती है। इससे भुगतान की प्रक्रिया और भी आसान और तेज हो जाती है।- फुटकर पैसे और भूल-चूक की समस्या का समाधान: क्यूआर कोड के माध्यम से भुगतान करते समय यात्रियों को फुटकर पैसे की चिंता नहीं करनी पड़ती है और लेनदेन में कोई गलती भी नहीं होती।
- त्वरित और सरल लेन-देन: यूपीआई ऐप्स के माध्यम से यात्री त्वरित और बिना किसी रुकावट के भुगतान कर सकते हैं।
कैशलेस लेन-देन को बढ़ावा दे रहे
झांसी और ग्वालियर रेलवे स्टेशनों पर विशेष काउंटर स्थापित किए गए हैं, जहां केवल कैशलेस लेनदेन किया जाता है। इसके अलावा, मंडल के अन्य सभी स्टेशनों पर भी क्यूआर कोड के माध्यम से भुगतान की सुविधा वैकल्पिक रूप से उपलब्ध है, जिससे यात्रियों को डिजिटल भुगतान की आदत डालने में मदद मिल रही है।
पार्सल में भी क्यूआर कोड से भुगतान
झांसी मंडल में यूटीएस, पीआरएस के साथ अब पार्सल में भी क्यूआर कोड से भुगतान की सुविधा दी जा रही है। यह सुविधा झांसी, ग्वालियर, मुरैना, बांदा, ललितपुर, उरई, चित्रकूट, खजुराहो, महोबा तथा भिंड स्टेशन के पार्सल कार्यालय में उपलब्ध कराई गई है। इसमें पेटीएम, गूगल पे और फोन पे से भुगतान किया जा सकता है।
मंडल रेल प्रबंधक की अपील
मंडल रेल प्रबंधक दीपक कुमार सिन्हा ने यात्रियों से अपील की है कि वे रिफंड प्रक्रिया को लेकर चिंतित न हों और डिजिटल माध्यमों से भुगतान करने में सहयोग करें। उन्होंने कहा, यह पहल न केवल यात्रियों के लिए बेहतर सुविधाएं प्रदान कर रही है, बल्कि यह भारत सरकार के डिजिटल अभियान का भी हिस्सा है। हम लगातार इस दिशा में प्रयासरत हैं ताकि यात्रियों को बिना किसी कठिनाई के उच्च गुणवत्ता की सेवाएं प्रदान की जा सकें।