जनवरी में सबसे ज्यादा केस
जिले में 108 के संचालन की व्यवस्था देख रही नई कंपनी के आकंड़ो के मुताबिक जिले में हार्ट अटैक के सबसे ज्यादा कॉल जनवरी के महीने में आए। डॉक्टर सर्दियों मे विशेष सावधानी बरतने की सलाह दे रहे है, क्योंकि ठंड के कारण धमनियों में सिकुडन आती है, जिससे खतरा बढ़ जाता है। जिले में अभी तक ठंड पड़ रही थी, लेकिन अब कड़ाके की सर्दी की चेतावनी मौसम विभाग ने दी है। जिससे सावधानी की अब और ज्यादा जरूरत है।
ये लक्षण आते है सामने
डॉ. अरविंद सिंह का कहना है कि दिल तक रक्त पहुंचाने वाली एक या एक से अधिक धमनियों में रुकावट आने पर हार्ट अटैक आता है। छाती की हड्डियों में दबाव या दर्द का अहसास हो तो हार्ट की शिकायत हो सकती है। सीने, बांह कोहनी या पीठ, जबड़े, गले और बांहों में मरीज असहज महसूस करते हैं। मितली, पेट में समस्या, कमजोरी, दिल की धडकऩों का तेज या अनियमित होना भी इसके लक्षण हैं।
युवाओं में बढ़ रहा खतरा
हाल के समय में युवाओं के बीच हार्ट अटैक की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं. ज्यादातर भारत में पिछले दस वर्षों के भीत युवा व्यस्कों में दिल का दौरा पडऩे का खतरा निश्चित रूप से तेजी से बढ़ा है. जिम हो या फिर राह चलते युवा हार्ट अटैक के चलते अपनी जान गंवा रहे हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि दिल का दौरा उन रोगियों में आम है, जिनके घर में पारिवारिक मोटापा है या फिर जिनको विरासत में हाई कोलेस्ट्रॉल मिला हुआ है। यानी कि जिनके परिवार में हाई कोलेस्ट्रॉल की शिकायत रही हो.। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि युवाओं में दिल के दौरे का सबसे आम कारण धूम्रपान है। धूम्रपान के चलते 20 और 30 के उम्र में हार्ट अटैक का ज्यादा खतरा बढ़ जाता है.
स्वास्थ्य संबंधी समस्या होने पर लोग नहीं बदलते अपनी लाइफस्टाइल
डॉ. अब्दुल हकीम का कहना है कि मरीजों को जब भी पीठ दर्द, आसन से संबंधित मुद्दों या तनाव जैसे स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होती हैं, तो वे अपनी समस्याओं के लिए केवल एक अल्पकालिक इलाज यानी कि त्वरित राहत के लिए इलाज कराते हैं., लेकिन अपनी समस्या से छुटकारा पाने के लिए लाइफस्टाइल में बदलाव नहीं करते हैं। हार्ट अटैक के खतरे से बचने के लिए तनाव रहित जीवन शैली जीना शुरू करें। लेट नाइट शिफ्ट, अनियमित स्लिप साइकिल के चलते भी तनाव बढ़ता जाता है। व्यायाम स्वस्थ हृदय का एक अहम हिस्सा है। थोड़ी बहुत एक्सरसाइज करते रहें.। क्योंकि जब आप चलते हैं तो आपके शरीर की चर्बी टूट जाती है.। किसी भी तरह की शारीरिक गतिविधि नहीं करने पर शरीर में वसा (फैट) बनने लगती है, जिससे गंभीर समस्या हो सकती है।
इनका कहना है
कॉल पर हमारे प्रशिक्षित स्टाफ ने समय पर मदद की हर संभव कोशिश की है। लोगों को आपातकाल में जीवन रक्षक सुविधा देने के मकसद से हम दिन रात प्रयासरत हैं।
तरुण सिंह परिहार, सीनियर मैनेजर, 108 सेवा, मध्यप्रदेश