छतरपुर. जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति अभी भी बेहतर नहीं है। यह समस्या जिले के 6 विधानसभा क्षेत्रों की जनता के लिए चिंता का विषय बन गई है। प्रतिदिन लगभग 5000 से 6000 मरीज इलाज के लिए जिलेभर के अस्पतालों का रुख करते हैं, लेकिन खाली पड़े पदों के कारण उन्हें इलाज में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। विशेष रूप से विशेषज्ञ डॉक्टरों और अन्य स्वास्थ्य कर्मचारियों के पद खाली होने से स्थिति और भी गंभीर हो गई है।
विशेषज्ञ डॉक्टरों के पदों की भारी कमी
छतरपुर जिले में कुल 80 विशेषज्ञ डॉक्टरों के पद स्वीकृत हैं, लेकिन इनमें से 55 पद अभी भी खाली हैं। इसमें 39 पद ग्रामीण क्षेत्रों में और 16 पद जिला अस्पताल में खाली हैं। विशेषज्ञों की कमी के कारण मरीजों को इलाज के लिए आसपास के बड़े शहरों या निजी अस्पतालों का रुख करना पड़ता है, जिससे उनका समय और पैसा दोनों खर्च होते हैं। इसके अलावा, जिला अस्पताल में चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मचारियों के अन्य पदों पर भी भारी कमी है। जिले के ग्रामीण क्षेत्र में मेडिकल ऑफिसर के 74 पद स्वीकृत हैं, जिसमें से 35 पद खाली पड़े हैं। इस स्थिति में ग्रामीण इलाकों के लोग गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए काफी परेशान हो रहे हैं, और अस्पतालों में मिलने वाली सुविधा भी सीमित हो गई है।
जिला अस्पताल में डॉक्टरों और नर्सों की कमी
जिला अस्पताल में 30 मेडिकल अधिकारी और स्टाफ नर्स के 280 पद स्वीकृत हैं, जिनमें से 16 पद डॉक्टरों और 30 पद नर्सों के खाली हैं। इसके अलावा, 315 एएनएम (आंगनवाड़ी नर्स) के पद स्वीकृत हैं, जिनमें से 128 पद खाली पड़े हैं। इसी तरह, स्वास्थ्य विभाग में अन्य कर्मचारियों की स्थिति भी गंभीर है, जैसे कि 205 एमपीडब्ल्यू (मेडिकल पब्लिक वर्क्स) के पदों में से 96 पद खाली हैं, और लैब टेक्नीशियन के पदों में से 13 पद ग्रामीण क्षेत्र में खाली हैं। शहरी क्षेत्रों में भी 12 पदों में से 4 पद खाली हैं।
अन्य पदों पर भी भारी कमी
स्वास्थ्य विभाग में और भी कई पदों पर कमी देखने को मिलती है। उदाहरण के लिए, एक्सरे मैन के 17 पदों में से 7 पद खाली हैं, ड्रेसर के 46 पदों में से 21 खाली हैं, और सुपरवाइजर के 37 पदों में से 12 पद खाली हैं। इस प्रकार, छतरपुर जिले के स्वास्थ्य केंद्रों में कर्मचारियों की भारी कमी है, जिससे इलाज की गुणवत्ता पर असर पड़ रहा है और मरीजों को समय पर उपचार नहीं मिल पा रहा है।
लोगों को हो रही है भारी परेशानी
मरीजों और उनके परिजनों का कहना है कि स्वास्थ्य सेवाओं में इस तरह की कमी से उन्हें गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। एक स्थानीय निवासी सुमित यादव ने कहा मेरे परिवार के कई सदस्य बीमार थे और हमें इलाज के लिए घंटों इंतजार करना पड़ा। अस्पतालों में डॉक्टरों की भारी कमी है, जिससे इलाज में देरी होती है। कई बार तो इलाज के लिए हमें बाहर जाना पड़ा है।
एक्सपर्ट व्यू
स्वास्थ्य विभाग में हो रही भारी कमी को देखते हुए यह आवश्यक है कि प्रशासन और सरकार तात्कालिक उपाय करें। डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मचारियों के खाली पदों को शीघ्र भरा जाए, ताकि जिले की जनता को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें। इसके साथ ही, अस्पतालों में जरूरी सुविधाओं का विस्तार करना और उन्हें उन्नत बनाना भी अत्यंत आवश्यक है, ताकि भविष्य में इस तरह की समस्या का सामना न करना पड़े। छतरपुर जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति में सुधार के लिए प्रशासन को तुरंत कदम उठाने होंगे, ताकि मरीजों को बेहतर इलाज मिल सके और उन्हें बार-बार इलाज के लिए जूझना न पड़े।
इनका कहना है
स्थिति को सुधारने के लिए वे प्रयास कर रहे हैं, लेकिन यह एक लंबी प्रक्रिया हो सकती है। कुछ नए डॉक्टर्स आए हैं, जिससे सुविधा बढी है। शासन से लगातार पत्राचार किया जा रहा है। सुविधाएं और बेहतर होंगी।
डॉ. आरपीगुप्ता, सीएमएचओ