छतरपुर. बुजुर्गों की सेवा ही मानव जीवन का सबसे बड़ा धर्म और कर्म है। इसी सोच को साकार करने के लिए जिला अस्पताल स्थित दिव्यांग पुनर्वास केंद्र के फिजियोथेरेपी सेंटर में आधुनिक मशीनें मंगवाई गई थी। यहां जिलेभर के बीमार वृद्धजनों और दिव्यांगों को नि:शुल्क फिजियोथेरेपी की सुविधा दी जा रही है। लेकिन जिले के बुजुर्ग इस सुविधा से अनजान हैं, जबकि उन्हें ही इस थेरेपी की सर्वाधिक जरूरत पड़ती है। फिजियोथेरेपी यूं तो आधुनिक चिकित्सा पद्धति मानी जाती है, लेकिन सदियों से चले आ रहे मालिश व कसरत के नुस्खे का ही यह आधुनिक स्वरूप है। मानसिक तनाव, घुटनों, पीठ या कमर दर्द जैसे कई रोगों से बचने के लिए बिना दवा खाए या चीरा लगवाए फिजियोथेरेपी एक असरदार तरीका है।
केवल 10 बुजुर्ग ले रहे लाभ
मौजूदा समय में अधिकांश लोग दवाइयों के झंझट से बचने के लिए फिजियोथेरेपी की ओर रुख कर रहे हैं। इनमें वृद्धजन भी पीछे नहीं हैं। पुनर्वास केंद्र के फिजियोथेरेपी सेंटर में दस बुजुर्ग ऐसे हैं, जिनकी एक साल से नियमित थेरेपी की जा रही है। इसमें न उन्हें आराम मिलता है, बल्कि दवाओं से भी छुटकारा मिल जाता है। यहां वृद्धाश्रम में निवासरत कमलाबाई नियमित फिजियोथेरेपी ले रही हैं, जिससे उन्हें आराम भी है। केंद्र की फिजियोथेरेपिस्ट डॉ. आकृति मिश्रा कहती हैं कि बुजुर्गों के लिए यह सुविधा निशुल्क है और वे पूरी शिद्दत से उन्हें राहत पहुंचाने का प्रयास करती हैं, लेकिन शासन की इस योजना का प्रचार-प्रसार करने की जरूरत है।
आधुनिक मशीनों
उपचार की आधुनिक मशीनों से गठिया बात, लकवा का इलाज सुलभ कारने की मंशा अनुसार यहां शासन द्वारा अत्याधुनिक मशीनें उपलब्ध कराई गई हैं, जिससे गठिया बात, लकवा इत्यादि रोगों का उपचार सुलभ हो गया है। वृद्ध आश्रम के करीब 10 वृद्धजन फिजियोथेरेपी के माध्यम से स्वस्थ हो चुके हैं। दर्शना वृद्ध आश्रम से आने वाले वृद्धजन एवं दिव्यांगों को सीनियर फिजियोथैरेपिस्ट डॉ. आकृति मिश्रा द्वारा इलाज किया जा रहा है, जिससे उन्हें दर्द में एवं चलने में अत्यंत लाभ है। हालांकि यह संख्या काफी कम है, क्योंकि बुजुर्गे को इसके बारे में कम जानकारी है।
सेंटर में फ्री फिजियोथेरेपी
पुनर्वास केंद्र स्थित फिजियोथेरेपी सेंटर का प्रसार-प्रचार न होने के कारण जिले के ज्यादातर बुजुर्ग इस सुविधा से अनजान हैं। यही वजह है कि सेंटर में बहुत कम संख्या में बुजुर्ग थेरेपी कराने पहुंचते हैं, जबकि उन्हें मजबूरीवश निजी अस्पतालों का रुख करना पड़ता है। और वे वहां मोटी रकम इन्हीं सुविधाओं के लिए खर्च करते हैं। फिजियोथेरेपी के फायदे फिजियोथेरेपी से दर्द को बिल्कुल खत्म या कम किया जा सकता है। मसल्स को लचीला बनाने के लिए फिजियोथेरेपी का इस्तेमाल किया जाता है। जोड़ों का दर्द कम होता है और उनमें फिर से जान आ जाती है। शरीर में एनर्जी बनी रहती है, सक्रियता बढ़ जाती है।