घटिया निर्माण के खिलाफ बार-बार लिखा गया, पर किसी ने ध्यान नहीं दिया :
शिल्पग्राम खजुराहो ने हैरिटेज प्रोजेक्ट के लिए अपनी जमीन एमपी टूरिज्म को दी थी। जब निर्माण कार्य शुरू हुआ और उसकी गुणवत्ता पर लोगों को संदेह हुआ तो कई पत्र एमपी टूरिज्म को लिखे गए। लेकिन ठेकेदार और इंजीनियरों के बीच मजबूत पकड़ होने के कारण इस ओर किसी भी अफसर ने ध्यान नहीं दिया। थीम पार्क का काम फिनिसिंग की ओर पहुंचा तब जाकर घटिया निर्माण की पोल खुलकर बाहर आने लगी। अब सभी जिम्मेदार इससे पल्ला झाड़ते नजर आ रहे हैं।
जिम्मेदारों ने झाड़ा पल्ला :
– इस संबंध में उपयंत्री विवेक चौबे से ही बात करें या फिर ईई से पूछें। मैं इस बारे में क्या बता सकता हूँ।
-एमपी शर्मा, सहायक यंत्री म.प्र.पर्यटन विभाग खजुराहो
बुंदेलखंड थीम पार्क के तहत निर्माण कार्य जारी है। दो काम जून माह में पूरा करने थे, लेकिन जीएसटी व अन्य तकनीकि दिक्कतों के कारण काम समय पर पूरा नहीं हो पाए। थीम पार्क की दीवारों में दरारें पडऩे की जानकारी नहीं थी। पता चलते ही इस बारे में पड़ताल की गई है। खराब टाइल्स भी निकलवा दिए गए हैं। निर्माण कार्य फाइनल स्टेज पर है। काम पूरा होने के बाद उसे हैंडओवर किया जाएगा।
– विवके चौबे, सब इंजीनियर, एमपी टूरिज्म
शिल्पग्राम खजुराहो ने हैरिटेज प्रोजेक्ट के लिए अपनी जमीन एमपी टूरिज्म को दी थी। जब निर्माण कार्य शुरू हुआ और उसकी गुणवत्ता पर लोगों को संदेह हुआ तो कई पत्र एमपी टूरिज्म को लिखे गए। लेकिन ठेकेदार और इंजीनियरों के बीच मजबूत पकड़ होने के कारण इस ओर किसी भी अफसर ने ध्यान नहीं दिया। थीम पार्क का काम फिनिसिंग की ओर पहुंचा तब जाकर घटिया निर्माण की पोल खुलकर बाहर आने लगी। अब सभी जिम्मेदार इससे पल्ला झाड़ते नजर आ रहे हैं।
जिम्मेदारों ने झाड़ा पल्ला :
– इस संबंध में उपयंत्री विवेक चौबे से ही बात करें या फिर ईई से पूछें। मैं इस बारे में क्या बता सकता हूँ।
-एमपी शर्मा, सहायक यंत्री म.प्र.पर्यटन विभाग खजुराहो
बुंदेलखंड थीम पार्क के तहत निर्माण कार्य जारी है। दो काम जून माह में पूरा करने थे, लेकिन जीएसटी व अन्य तकनीकि दिक्कतों के कारण काम समय पर पूरा नहीं हो पाए। थीम पार्क की दीवारों में दरारें पडऩे की जानकारी नहीं थी। पता चलते ही इस बारे में पड़ताल की गई है। खराब टाइल्स भी निकलवा दिए गए हैं। निर्माण कार्य फाइनल स्टेज पर है। काम पूरा होने के बाद उसे हैंडओवर किया जाएगा।
– विवके चौबे, सब इंजीनियर, एमपी टूरिज्म