छतरपुर

विंध्यवासिनी सरोवर की सफाई जारी, साधुसंतों का साथ देने समाजसेवी भी आए आगे

विंध्यवासिनी सरोवर के पुर्नजीवन की मुहिम रोजाना आगे बढ़ रही है। साधु-संतों के अभियान के साथ अब समाजसेवी भी जुड़ गए हैं। साधुओं-समाजसेवियों का दल रोजाना तालाब की सफाई के लिए श्रम की बूंदे टपका रहा है।

छतरपुरMay 12, 2024 / 10:25 am

Dharmendra Singh

तालाब से जलकुंभी निकालते समाजसेवी

छतरपुर. विंध्यवासिनी सरोवर के पुर्नजीवन की मुहिम रोजाना आगे बढ़ रही है। साधु-संतों के अभियान के साथ अब समाजसेवी भी जुड़ गए हैं। साधुओं-समाजसेवियों का दल रोजाना तालाब की सफाई के लिए श्रम की बूंदे टपका रहा है। तालाब पूरी तरह से जलकुंभी और कचरे की चपेट में है। जिससे चलते तालाब को पुर्नजीवित करने की मुहिम कठिनाई भरी है। लेकिन साधु संतो और समाजसेवियों के दृणनिश्चय से कठिनाई भी दूर होने लगी है। नगरपालिका ने भी समाज की मुहिम में साथ देने के लिए हाथ आगे बढ़ाया है।

नालियों के पानी से हुई दुर्दशा


महोबा रोड स्थित विध्यवासिनी तलैया में जानराय पहाड़ी सहित टौरिया मोहल्ले का गंदा पानी नालियों से पहुंचता है। इस कारण यहां का पानी हमेशा गंदा बना रहने के साथ ही दुर्गंध देता रहता है। इस समस्या से निपटने के लिए नगरपालिका अपने बजट से तालाब में आने वाले नालियों के गंदे पानी को रोकने के लिए डायवर्सन तैयार करेगी। तालाब से जलकुंभी निकालने के साथ ही तालाब के पानी के संरक्षण के लिए लेक मैन ऑफ इंडिया आनंद मल्लिगावद की सलाह पर काम किया जाएगा।

इनका कहना है

सही कहा कहा है, जल है तो कल है। हमें अपने पूर्वजों से मिली विरासत को सहेजने की जरूरत है। शहर के तालाबों के संरक्षण व साफ सफाई में मेरा योगदान हमेशा रहेगा।
राजेन्द्र अग्रवाल, समाजसेवी
विंध्यवासिनी तालाब की सफाई बेहद जरूरी है। प्रशासन की ओर देखते हुए राह ताकने का समय नहीं है। हमें खुद ही पहल करनी होगी। हमने शुरूआत कर दी है।
मुकेश, समाजसेवी

विंध्यवासिनी सरोवर के हालात बहुत खराब हैं। जीवनदायी तालाब आज खुद दम तोड़ रहा है। इसलिए हमने इसको पुर्नजीवित करने का बीड़ा उठाया है।
मुन्ना महाराज, साधु
साधु संत हमेशा से समाज को दिशा दिखाने का काम करते आए हैं। तालाब की दुर्दशा को देखते हुए साधु संत आगे आए हैं। तालाब बचाने का संदेश देने के लिए श्रमदान जारी रहेगा।
हरकिशनदास महाराज, साधु
हमारे पूर्वजों से मिली विरासत को हम यूं ही खोने नहीं देंगे। श्रमदान से हम तालाब को पुर्नजीवित करेंगे। तालाब रहेंगे तभी जलसंकट का समाधान होगा। हमारे पूर्वजों को भी तालाब का महत्व पता था, तभी उन्होंने शहर में तालाबों का जाल बिछाया, अब हमें उन तालाबों का संरक्षण करने की आवश्यकता है।
सतेंद्र सिंह, समाजसेवी

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