छतरपुर. सरकार ने देश में समान टेक्स लागू करने के लिए जीएसटी लागू किया है, लेकिन अधिकांश व्यापारियों द्वारा जीएसटी के नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है। व्यापारी ग्राहकों द्वारा बिल नहीं मांगे जाने का बहाना बनाकर सामानों का बिल नहीं देते हैं तो वहीं ग्राहकों के दिमाग में बैठा दिया गया है, कि यदि हम बिल नहीं लेंगे तो सामान सस्ता मिलेगा। व्यापारी पक्के बिल के नाम पर सामग्री के दाम कुछ और बढ़ जाने की बात कहते हैं जिससे ग्राहक बिना बिल के संतुष्ट हो जाता है। कम पढ़े लिखे लोगों को बचत के नाम पर पक्के बिल देने की बजाए सादे कागज पर लिखकर दे दिया जाता हैं।
हर व्यापार में टैक्स चोरी
किराना, कपड़ा, बर्तन, हार्डवेयर,खाद बीज, आभूषणों, दवाई, इलेक्ट्रॉनिक, आदि की दुकानों पर ग्राहक बिल मांगे या न मांगे पर दुकानदार को बिल देना ही है। लेकिन शहर में ऐसे हालात हैं पक्के बिल मांगे जाने पर भी कच्चा बिल थमा दिया जाता है। आभूषणों, इलेक्ट्रॉनिक, खाद-बीज, दवाइयां आदि की दुकानों पर ग्राहक को अधिकांश जगह पर कच्चा बिल ही मिलता है लेकिन दुकानदार द्वारा अपने रिकॉर्ड पर पक्के बिल ही काटता है। दुकानदारों द्वारा पक्का बिल इसलिए नहीं दिया जाता हैं कि सामान में गुणवत्ता संबंधित कोई समस्या हो तो बिल के आभाव में कहीं शिकायत का दावा भी नहीं किया जा सकता।
200 रुपए से अधिक की खरीदी पर बिल अनिवार्य
दो सौ रुपए से ज्यादा का सामान बेचने पर व्यापारी को बिल अनिवार्य रूप से जारी करना होगा। बिल नहीं देने वाले व्यापारियों की शिकायत के लिए टोल फ्री नंबर भी जारी किया है। यदि उपभोक्ता को किसी दुकानदार या व्यापारी सही बिल जारी नहीं करता है तो ग्राहक शिकायत कर सकते हैं। इस संबंध में वाणिज्यकर अधिकारी आरके तिवारी का कहना है कि आपने आवगत कराया है। जल्द ही हटा क्षेत्र में जायजा लिया जाएगा। जो भी व्यापारी बिल नहीं दे रहे हैं उन पर कार्रवाई की जाएगी।
नोटिस देकर करेंगे एक्शन
वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के नियमानुसार यदि कोई दुकानदार ग्राहक को बिल नहीं देता, समय पर रिटर्न फाइल नहीं करता या माल बिक्री को छुपा कर टैक्स चोरी करता है तो ऐसे मामले में जीएसटी अधिकारी ग्राहक बनकर भी व्यवसायी के प्रतिष्ठान पर पहुंचकर दस्तावेजों की जांच कर सकते हैं। यदि जीएसटीआर-9, 9ए तथा 9सी में गड़बड़ी पाई गई तो नोटिस दिया जाएगा। इसके अलावा अधिकारी ग्राहक बनकर भी दुकान पर पहुंच सकते हैं।