रामपुर, बारबंद, परेई, हिनौता, लसगरहया, सिंगारपुर, बरूआ में फिर शुरु हुआ रेत का अवैध उत्खननप्रशासन की कार्रवाई साबित हो रही औपचारिकता, बेखौफ है रेत माफिया
छतरपुर। रेतमाफिया ने सुनियोजित तरीके से अवैध कारोबार बंद होने की अफवाह फैलाई, ताकि सबका ध्यान काले कारोबार से हट जाए। जब अफवाह का बाजार गर्म हो गया तो रेतमाफिया ने एक बार फिर रेत का काला कारोबार बेधड़क शुरु कर दिया है। नदी में 8 जगह अवैध रास्ते, पुल बनाकर हैवी मशीनें उतार दी गई हैं। एक-एक खदान पर 4 से 5 हैवी मशीनें एक साथ दिन-रात अवैध उत्खनन में लगा दी हैं। ट्रकों को नदी तक ले जाने के लिए नदी की धारा बदलकर अवैध रास्ते बना लिए गए हैं। हैवी मशीनों के जरिए हर दस मिनट में एक ट्रक लोड कर रवाना किया जा रहा है। अवैध उत्खनन से नदी को तबाह करने का सिलसिला फिर शुरु हो गया है।
बंद नहीं हो रहा चरण सिंह का काला कारोबार
केन नदी की सबसे ज्यादा तबाही करने वाले रेत माफिया चरण का काला कारोबार एक भी दिन बंद नहीं हो रहा है। एक स्थान पर प्रशासन कार्रवाई करता तो दूसरे स्थान पर अवैध उत्खनन चलता रहता। प्रशासन की टीम लौटते ही उस जगह भी अवैध उत्खनन दोबारा शुरु हो जाता। जिला प्रशासन की कार्रवाई सिर्फ औपचारिकता साबित हो रही है, नदी से अवैध उत्खनन रोकने के पुख्ता इंतजान नहीं किए जा रहे हैं। कभी-कभार मशीनों व ट्रकों को पकडऩे की औपचारिक कार्रवाई की जा रही है। अवैध उत्खनन रोकने के लिए अवैध रास्ते और पुल तोडऩे की कार्रवाई नहीं की जा रही है। यही वजह है कि प्रशासन की टीम हटते ही काला कारोबार तुरंत शुरु हो जा रहा है।
8 खदानों पर बनाए अवैध रास्ते
रेत का अवैध कारोबार बंद होने की अफवाह फैलाकर रेत माफिया ने केन नदी में रामपुर, बारबंद, परेई, लसगरहया, बंजारी, मबईघाट, सिंगारपुर, बरुआ में अवैध उत्खनन एक बार फिर जोर-शोर से शुरु कर दिया है। नदी में जगह-जगह अवैध रास्ते बना लिए गए हैं। नदी से हजारों की संख्या में ट्रकों में रेत भरकर उत्तरप्रदेश सप्लाई की जा रही है। दो दिन पहले बारबंद में स्थानीय प्रशासन ने नदी पर बने अवैध रास्ते को तोड़ा, लेकिन माफिया ने अगले दिन दोबारा रास्ता बनाकर अवैध उत्खनन शुरु कर दिया है। केन नदी की सभी बड़ी खदानों पर अवैध उत्खनन फिर से शुरु हो गया है। मध्यप्रदेश की सीमा में अवैध उत्खनन के लिए कुछ खदानों में उत्तरप्रदेश के लोगों को भी शामिल किया गया है।
तैनात किए बंदूकधारी
बेधड़क अवैध उत्खनन करने और ट्रकों को गांव के रास्ते निकालने लिए रेत माफिया ने दहशत का रास्ता अख्तियार किया है। रेत खदान से लेकर ट्रकों के आने-जाने के रास्ते पर बंदूकधारी तैनात किए गए हैं। ताकि स्थानीय गांव वाले या कोई भी उनकी करतूत का विरोध न कर सके। रेत माफिया ने उत्तरप्रदेश से बड़ी संख्या में बंदूकधारी बुलाए हैं, जो टेंट लगाकर 24 घंटे नदी के आसपास ही डेरा डाले हुए हैं। रेत खदान के आसपास आने वाले लोगों से उनके वहां आने की वजह और पहचान पूछी जा रही है। ताकि रेत के अवैध उत्खनन की फोटो और वीडियो सामने न आ सकें।
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