छतरपुर शहर में एक दर्जन फड़ों पर चल रहा जुआ
छतरपुर शहर में गल्लामंड़ी, सटई रोड, राजनगर रोड, पठापुर रोड, महोबा रोड पर गोदामों, फॉर्महाउसों, फैक्ट्रियों और जंगल व खेतों में जुआ की फड़ लग रही है। इन फड़ों पर न केवल शहर के जुआरी बल्कि दूसरे जिलों के जुआड़ी भी दांव लगाने आ रहे हैं। इसके अलावा शहर के नामचीन लोग भी अपने बंगलों व फॉर्महाउसों पर जुआ की फड़ लगा रहे हैं। सिविल लाइन थाना इलाके के गठेवरा, छत्रसाल नगर में जुआ के दो बड़े फड़ संचालित किए जा रहे हैं। इन दोनों फड़ों पर दिन रात जुआ के दांव लगने पर भी पुलिस द्वारा कार्रवाई न होने से पुलिस की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं।
जुआ की कार्रवाई रफादफा करने पर तीन लाइट अटैच
बीते दिनों पंचवटी ढाबा के पीछे एक बड़ा जुआ पकड़े जाने के बाद मामले को रफादफा करने पर पुलिस अधीक्षक अगम जैन ने
सिविल लाइन थाने के तीन आरक्षकों पर लाइन अटैच करने की कार्रवाई की है। उक्त आरक्षकों पर आरोप थे कि सिविल लाइन थाना क्षेत्र के पंचवटी ढाबा के पास दीपावली के दिन एक जुआ फड़ पर छापामार कार्रवाई की, जहां से लाखों रुपए की जब्ती बनाई गई, लेकिन बाद में लेनदेन करके जुआरियों को बगैर कार्रवाई किए ही छोड़ दिया। यह जानकारी जैसे ही वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंची और थाना प्रभारी द्वारा मौके की जांच की गई। उक्त मामले की जांच पड़ताल के बाद एसपी ने आरक्षक ऋषिकेश कटारे, करन यादव, और विकास सोलंकी को तत्काल प्रभाव से लाइन अटैच की कार्रवाई करते हुए मामले में जांच के आदेश दिए हैं।
बीते दिनों पंचवटी ढाबा के पीछे एक बड़ा जुआ पकड़े जाने के बाद मामले को रफादफा करने पर पुलिस अधीक्षक अगम जैन ने
सिविल लाइन थाने के तीन आरक्षकों पर लाइन अटैच करने की कार्रवाई की है। उक्त आरक्षकों पर आरोप थे कि सिविल लाइन थाना क्षेत्र के पंचवटी ढाबा के पास दीपावली के दिन एक जुआ फड़ पर छापामार कार्रवाई की, जहां से लाखों रुपए की जब्ती बनाई गई, लेकिन बाद में लेनदेन करके जुआरियों को बगैर कार्रवाई किए ही छोड़ दिया। यह जानकारी जैसे ही वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंची और थाना प्रभारी द्वारा मौके की जांच की गई। उक्त मामले की जांच पड़ताल के बाद एसपी ने आरक्षक ऋषिकेश कटारे, करन यादव, और विकास सोलंकी को तत्काल प्रभाव से लाइन अटैच की कार्रवाई करते हुए मामले में जांच के आदेश दिए हैं।
नौगांव, महाराजपुर, गढ़ीमलहरा में लाखों का जुआ
नौगांव, महाराजपुर, गढ़ीमलहारा थाना इलाके में भी एक दर्जन से ज्यादा जुआ के फड़ संचालित हैं। कुछ फड़ फॉर्म हाउसों तो कुछ खेतों व जंगल में जमाए जा रहे हैं। महाराजपुर और गढ़ीमलहरा इलाके के फड़ों पर महोबा और छतरपुर के जुआरी दांव लगाने पहुंचते हैं। इन दोनों थाना इलाके की पुलिस पर भी जुआ पर कार्रवाई न करने और संरक्षण देने के आरोप लग रहे हैं।
जुआ माफिया ने खड़ा किया नेटवर्क
जुआ माफिया द्वारा जुआ की फड़ को संचालित करने का नेटवर्क तैयार किया गया है। इस काम में एक दर्जन से अधिक बेरोजगार युवाओं की 500 रुपए रोज पर सेवाएं ली जाती हैं। अलग-अलग स्थानों से जुआ माफिया द्वारा खिलाडिय़ों को बाइक पर बैठाकर जुआ संचालित होने वाले स्थान तक पहुंचाया जाता है। फिर यही बेरोजगार युवकों को उन रास्तों पर साधारण तौर पर बैठा दिया जाता है कि अगर इस क्षेत्र से कोई भी संदिग्ध वाहन आता दिखाई दे। तो वह तुरंत फोन पर सूचना दें, जिससे खिलाडिय़ों को पुलिस से पूर्ण सुरक्षा प्रदान की जाती है।
फड़ पर उपलब्ध होती है सभी सुविधाएं
जुआ स्थल पर जुआरियों के लिए शराब, सिगरेट, पानी और खाने का सामान भी उपलब्ध रहता है। अगर कोई खिलाड़ी जुआ में हार रहा है और उसे तुरंत फायनेंस चाहिए तो 10 हजार रुपए पर एक हजार रुपए काटकर 9 हजार रुपए एक दिन के लिए फायनेंस होता है। अब वह जितने दिन बाद पैसे देगा उसे 10 हजार पर एक हजार रुपए प्रतिदिन ब्याज देना होगा। इसके लिए जुआ जीतने वाले जुआरी को अलग से धन राशि संचालकों को देनी होती है।
थाना सेट, निगरानी के लिए लगाए लडक़े
बड़े फड़ों पर पुलिस कार्रवाई न करें, इसके लिए जुआ माफिया पहले थाना के स्टाफ को सेट कर लेता है। उसके वाबजूद पुलिस की दूसरी टीम कार्रवाई न कर दे, इसलिए फड़ संचालन में तक्कों को तैनात किया जाता है। फड़ संचालक मामूली पढ़े-लिखे और बेरोजगार युवकों को इस काम में लगाते हैं। उन्हें पगार के साथ मोबाइल फोन भी उपलब्ध कराते हैं। यह तक्का फड़ से काफी दूर उस मार्ग पर कहीं अड्डा जमा लेते हैं जहां से फड़ तक पुलिस के पहुंचने का अंदेशा होता है। पुलिस वाहन आता देख मोबाइल फोन के जरिए फड़ संचालक को सूचना दे देते हैं। नतीजे में जब तक पुलिस फड़ तक पहुंची है तब तक वहां सब कुछ सिमट चुका होता है।