छतरपुर. ठंड के मौसम के बीच अब जिले में एक बार फिर से शीतलहर पडऩे की आशंका है। जिससे रूम हीटर का इस्तेमाल बढ़ गया है। हालांकि, इनका उपयोग करते समय सेफ्टी फीचर्स पर ध्यान देना जरूरी है, क्योंकि इनमें से कुछ खतरनाक हो सकते हैं। रूम हीटर के साथ-साथ गीजर्स और इमर्शन रॉड का उपयोग भी दुर्घटनाओं का कारण बन सकता है। पिछले साल नौगांव में हुए हादसे में कॉक्सडिसलरी में अंगीठी जलाकर सोने से कार्बन मोनो ऑक्साइड का स्तर बढऩे के कारण दो मजदूरों की मौत हो गई थी। इसी तरह हाल ही में मेरठ में एक 86 वर्षीय महिला की भी मौत हुई, जिनकी मृत्यु रूम हीटर से निकलने वाली कार्बन मोनो ऑक्साइड गैस के कारण हुई।
रूम हीटर और उसकी खतरनाक गैस रूम हीटर के अंदर क्रोमियमअलॉय होता है, जो हीट प्रोड्यूस करता है। लेकिन, इसी प्रक्रिया के दौरान कार्बन मोनोऑक्साइड गैस भी रिलीज होती है, जो बिना गंध के होती है और इस गैस से हवा में ऑक्सीजन की कमी हो सकती है। यह गैस शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को प्रभावित करती है और ब्रेन तक ऑक्सीजन नहीं पहुंचने देती, जिससे ब्रेन हैमरेज या अचानक मौत का खतरा हो सकता है।
रूम हीटर से स्वास्थ्य पर प्रभाव रूम हीटर का अत्यधिक उपयोग हमारी सेहत के लिए भी हानिकारक हो सकता है। सर्दियों में पहले से ही हवा ड्राई होती है, और रूम हीटर इसे और अधिक ड्राई कर देता है, जिससे आंखों और स्किन में जलन हो सकती है।
नया रूम हीटर खरीदते वक्त ध्यान रखें 1. कमरे के साइज के हिसाब से हीटर चुनें: यदि कमरा छोटा है, तो अधिक वोल्टेज वाला हीटर न लें। 2. हाई रेटिंग वाले प्लग का उपयोग करें : रूम हीटर के लिए 16 एम्पीयर रेटिंग वाले प्लग और स्विच का इस्तेमाल करें।
3. हीटर को हमेशा फर्श पर रखें: इसके नीचे गलीचा या कपड़ा न रखें। 4. कमरे के साइज के हिसाब से रूम हीटर की पॉवर रेटिंग तय करें, 100 वर्ग फीट तक के कमरे के लिए 1000-1500 वॉट का हीटर पर्याप्त है। 100-200 वर्ग फीट तक के कमरे के लिए 2000 वॉट का हीटर उपयुक्त रहेगा।