पदयात्रा में फूलमाला न पहनने का संकल्प
महाराज ने मीडिया के माध्यम से आम जनमानस को अवगत कराना चाहा है कि किसी भी पदयात्रा में फूलमाला का इस्तेमाल नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि सभी सनातनप्रेमी फूलमाला में पैसे खर्च करने के बजाय अन्य संसाधनों में लगाएं। जितनी भी उनकी यात्राएं होंगी उन सभी में फूलमाला का त्याग रहेगा। छोटे बच्चे, वृद्ध और बीमार लोगों को यात्रा से दूर रहने का आग्रह किया गया। महाराज ने कहा कि हमें स्वागत नहीं हमें सभी हिन्दुओं को एकजुट करने की भिक्षा दें। सभी यात्रियों से थाली, लोटा और एक कंबल साथ लेकर चलने का भी उन्होंने आग्रह किया।
रामराजा सरकार को ध्वज चढ़ाकर होगा यात्रा का विराम
महाराजश्री ने कहा कि यह पदयात्रा 29 नवंबर को रामराजा सरकार के चरणों में पहुंचेगी और यहीं यात्रा का विराम होगा। रामराजा सरकार को यात्रा के माध्यम से पहुंचकर ध्वज समर्पित करना है ताकि यह धर्मध्वजा लहराती रहे। उन्होंने बताया कि जगदगुरू तुलसी पीठाधीश्वर रामभद्राचार्य भगवां ध्वज दिखाकर यात्रा प्रारंभ करेंगे। इस यात्रा में मलूक पीठाधीश्वर पूज्य राजेन्द्र दास महाराज, जगतगुरू रामभद्राचार्य महाराज, हनुमानगढ़ी के महंत राजूदास महाराज, इन्द्रेश महाराज, सुदामा कुटी के सुतीक्ष्ण दास, संजीव कृष्ण ठाकुर, अनुरूद्धाचार्य महाराज, जगतगुरू बल्लभाचार्य महाराज, गोरीलाल कुंज के महंत पूज्य किशोर दास महाराज शामिल होंगे। वहीं फिल्म, संगीत सहित अन्य क्षेत्रों से भी लोगों के शामिल होने की सूचनाएं हैं।