छतरपुर

दीपावली नजदीक आते ही पटाखों का भंडारण शुरू, रहवासी इलाके में गोदामों में जमा हो रहा विस्फोटक

दीपावली नजदीक आते ही दुकानदारों ने पटाखे जमा करने शुरू कर दिए हैं। दुकानदार सारे आदेशों को ठेंगा दिखाते हुए रिहायशी इलाके में पटाखे का भंडार जमा कर रहे हैं। खासतौर पर शहर की संर्कीण रास्ते वाले इलाकों में अवैध गोदामों में पटाखों का भंडारण शुरु हो गया है।

छतरपुरOct 05, 2024 / 10:31 am

Dharmendra Singh

रहवासी इलाके में इस तरह गोदाम में जब्त हुआ था पिछले साल अवैध पटाखा

छतरपुर. दीपावली नजदीक आते ही दुकानदारों ने पटाखे जमा करने शुरू कर दिए हैं। दुकानदार सारे आदेशों को ठेंगा दिखाते हुए रिहायशी इलाके में पटाखे का भंडार जमा कर रहे हैं। खासतौर पर शहर की संर्कीण रास्ते वाले इलाकों में अवैध गोदामों में पटाखों का भंडारण शुरु हो गया है। जबकि रिहायशी इलाकों में पटाखे स्टोर करने पर बैन है। यही नहीं, प्रशासन भी हर वर्ष पटाखों के गोदाम आबादी से दूर बनाने की हिदायते जारी की जाती हैं। लेकिन हिदायतों व खतरों को नजरअंदाज किया जा रहा है।

गलियों में बनाए गोदाम


शहर के गल्लामंडी, सरानी दरवाजा,बसारी दरवाजा व उसके आसपास के घनी आबादी व गलियों वाले इलाके में घरों में बनाए गए गोदामों में पटाखे का भंडारण किया जा रहा है। यहां करोड़ो रुपए के पटाखे जमा किए जा रहे हैं। इस कारण कभी भी कोई भयानक हादसा हो सकता है। पटाखा व्यापारियों ने अपने गोदाम शहर के विभिन्न मोहल्लों में इतनी तंग गलियों में बनाए हैं कि अगर वहां पर कोई हादसा होता है तो वहां फायर ब्रिगेड की गाडिय़ों का पहुंचना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है।

मद्रास से आते हैं पटाखे


जिले में सिर्फ पटाखा गोदाम हैं। यहां पटाखा बनाने वाली फैक्ट्रियां नहीं हैं। यहां मद्रास से पटाखे आते हैं। शिवकाशी के पटाखों की बिक्री यहां सबसे ज्यादा की जाती है। मद्रास से यहां तक पटाखों को लाने में कई सौ किलोमीटर की दूरी तय होती है। गोदाम संचालक एक व्यक्ति ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि वहां से पटाखे ट्रांसपोर्ट एजेंसी के माध्यम से बुक कर दिए जाते हैं। कहते हैं कि पटाखे का इंश्योरेंस होता है। ऐसे में यदि कोई घटना हुई तो हमें तो अपना पैसा मिल ही जाएगा।

पिछले साल जब्त हुआ था 5 ट्रक अवैध पटाखा


पिछले साल नियम कानून को ताक पर रखकर शहर में पटाखा का अवैध भंडारण करने वाले तीन कारोबारियों पर कार्रवाई हुई थी। कलेक्टर संदीप जीआर ने कारोबारियों के लाइसेंस निरस्त कर दिए हैं। सभी पर 5-5 हजार का जुर्माना भी लगाया। इसके साथ ही कारोबारियों से जब्त 5 ट्रक पटाखा का नष्ट करने का आदेश दिया था। हरदा कांड के बाद जिला मुख्यालय पर पटाखा के अवैध भंडारण पर प्रशासन की टीम ने छापेमारी की थी। लेकिन अब मामला ठंडे बस्ते में चला गया।

ये है कार्रवाई के प्रावधान


जो कोई व्यक्ति जानबूझकर या लापरवाही द्वारा किसी विस्फोटक पदार्थ को ऐसे स्थान पर रखेगा, जिससे की मानव जीवन को संकट उत्पन्न होने वाला हो। तब उस व्यक्ति पर भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 286 के अंतर्गत मामला दर्ज किया जाता है। इसके तहत लापरवाही के आरोपी को दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि छह मास तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, जो एक हजार रुपए तक का हो सकेगा, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा। नए फायर सेफ्टी एवं एक्सप्लोसिव एक्ट 16 दिसंबर, 2022 के नियमों के अनुसार एक भी पटाखा व्यापारी ने नगरीय निकाय को जांच के लिए आवेदन नहीं किया है। उसके बावजूद धड़ल्ले से गोदाम से लेकर दुकानें चल रही है। लाइसेंस जारी होने से नवीनीकरण में खानापूर्ति बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकती है।

इसलिए कारोबारियों को नहीं डर


अवैध पटाखों की बिक्री और संग्रहण पर पुलिस भारतीय विस्फोटक अधिनियम की धारा 5, 9 तथा आईपीसी की धारा 286 में कार्रवाई करती है। इन धाराओं में एक साल की सजा का प्रावधान है। इसमें थाने से जमानत मिल जाती है। पुलिस आईपीसी की धारा 286 लगाती है जिसमें जोरदार धमाके से कोई चीज उड़ जाने का उल्लेख है। इसमें छह माह तक की सजा है पर थाने से जमान मिल जाती है। आरोपी को जेल भेजना हो तो एसडीएम 151 की प्रतिबंधात्मक कार्रवाई कर सकता है, जिससे दो-तीन दिन की जेल होती है। अगर धारा 144 के तहत प्रतिबंध हो तो उल्लंघन में 188 के तहत कार्रवाई होती है। इसमें भी अधिकतम 6 माह की सजा है। इसलिए दुकानदार लोगों की जान जोखिम में डालने से डरते नहीं हैं।

इनका कहना है


टीम बनाकर पटाखा के भंडारण की जांच की जाएगी। अवैध भंडारण पाए जाने पर विधिअनुसार कार्रवाई की जाएगी। जल्द ही जांच शुरू होगी।
अखिल राठौर, एसडीएम

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