छतरपुर

मेडिकल कॉलेज कैंपस में खेल परिसर और कमर्शियल कॉम्पलेक्स बनेगा

3 करोड़ 65 रुपए की लागत से फायर फाइटिंग सिस्टम लगाया जाएगा। इसके साथ ही 29 करोड़ रुपए विद्युतीकरण और लिफ्ट की सुविधा के लिए बजट जारी किया गया है। इन मुख्य कार्यो के अलावा प्लंबिंग, इक्यूपमेंट और अन्य मदों पर बाकी राशि खर्च की जाएगी।

छतरपुरOct 16, 2024 / 10:35 am

Dharmendra Singh

निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज कैंपस

छतरपुर. मेडिकल कॉलेज कैंपस निर्माण का कार्य जारी है। अब तक 150 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च किए जा चुके हैं। 247 करोड़ के कैंपस में कुल 13 भवन बनाए जाएंगे। मेडिकल कॉलेज कैंपस की सभी बिल्डिंग बहुमंजिला होंगी। पीआइयू के टेंडर के मुताबिक आवासीय भवन, छात्रावास, खेल परिसर का निर्माण किया जाना है। इसके साथ ही जल आपूर्ति, स्वच्छता, फिटिंग और विद्युतीकरण के कार्य भी किए जाएंगे। गौरगांय में बनाए जा रहे मेडिकल कॉलेज कैंपस के सभी भवन बहुमंजिला बनाए जा रहे हैं। इसके साथ ही 3 करोड़ 65 रुपए की लागत से फायर फाइटिंग सिस्टम लगाया जाएगा। इसके साथ ही 29 करोड़ रुपए विद्युतीकरण और लिफ्ट की सुविधा के लिए बजट जारी किया गया है। इन मुख्य कार्यो के अलावा प्लंबिंग, इक्यूपमेंट और अन्य मदों पर बाकी राशि खर्च की जाएगी।

दो हॉस्टल बनेंगे


प्रस्तावित स्थल पर ग्राउण्ड फ्लोर सहित तीन मंजिला इमारत बनेगी जिसमें कॉलेज संचालित होगा। इसके अलावा पढऩे वाले विद्यार्थियों के लिए गल्र्स और बॉयस दो हॉस्टल बनाए जाएंगे। दो इंटर्नी हॉस्टल भी निर्मित होंगे। योजना के अंतर्गत एक स्पोटर््स कॉम्पलेक्स, स्टाफ क्वार्टर्स, डीन बंगला, मेस कैंटीन और कमर्शियल कॉम्पलेक्स भी परिसर में ही बनाया जाएगा। निर्माण करने वाली कंपनी को इसी टेंडर के अनुरूप डे्रनेज बाउण्ड्री और गेस्ट हाउस निर्माण का काम भी करना होगा।

1200 होंगे कर्मचारी


छतरपुर मेडिकल कॉलेज में 155 टीचिंग स्टॉप की जरूरत होगी। इनमें लेक्चरर और प्रोफेसर शामिल होंगे। इसके अलावा पैरामेडिकल स्टाफ, क्लेरिकल और चपरासियों की जरूरत होगी। सभी कर्मचारी 1200 से अधिक होंगे। कैंपस निर्माण पूरा होने और एडमिशन प्रक्रिया शुरु होने के पहले ही इन पदों पर नियुक्तियां की जाएंगी।

कॉलेज के लिए तीन साल चला था आंदोलन


छतरपुर समेत आसपास के जिले के लोगों के लिए मेडिकल हब बन चुके छतरपुर में मेडिकल कॉलेज की मांग को लेकर जनता ने दो चरणों में बड़े आंदोलन किए। आंदोलन में सभी राजनीतिक दलों के नेता, समाजिक कार्यकर्ता, गणमान्य नागरिक, व्यापारी, नौकरी पेशा समेत सभी वर्ग के लोग शामिल हुए। प्रदर्शन किए गए, धरने पर बैठे, मानव श्रंखला बनाई गई, कैंडल मार्च निकाला गया, हस्ताक्षर अभियान चलाया गया। यहां तक कि शहर बंद रखा गया। पहले चरण की तरह ही दूसरे चरण में भी इसी तरह से आंदोलन किया गया। वर्ष 2015 से 2018 तक लगभग सौ से ज्यादा प्रदर्शन आम जनता के द्वारा किए गए थे।

इनका कहना है


डीपीआर ड्राइंग के अनुसार निर्माण कार्य किया जा रहा है। खेल परिसर व कमर्शियल कॉम्पलेक्स डीपीआर में शामिल है।
केएस परस्ते, ईई पीआइयू

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