आपसी रजामंदी से एक हुए परिवार, रक्तदान और विधिक सहायता शिविर भी लगाए
छतरपुर. जिला न्यायालय छतरपुर में 14 दिसंबर को चतुर्थ राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया, जिसमें सुलह समझौते के माध्यम से 831 प्रकरणों का समाधान किया गया। इस मेगा लोक अदालत का उद्घाटन जिला सत्र न्यायाधीश रविंदर सिंह ने सरस्वती माता की प्रतिमा पर पुष्प माला अर्पित कर किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि लोक अदालत का मुख्य उद्देश्य प्रकरणों का सुलह से समाधान करना है, जिससे विवादों को त्वरित और प्रभावी तरीके से हल किया जा सके और पक्षकारों में कोई कटुता न रहे।लोक अदालत की खंडपीठों में सुलझे मामले
नेशनल लोक अदालत के आयोजन में जिला न्यायालय छतरपुर और तहसील न्यायालयों से जुड़ी विभिन्न अदालतों ने मिलकर कुल 27 खंडपीठों का गठन किया। इनमें जिला न्यायालय छतरपुर में 14 और तहसील न्यायालय नौगांव, बिजावर, लवकुशनगर, बड़ामलहरा, राजनगर में 20 खंडपीठों ने मिलकर प्रकरणों की सुनवाई की। लोक अदालत में प्रमुख रूप से बैंकों के लंबित ऋण वसूली, बीमा संबंधी प्रकरण, नगर पालिका, चेक बाउंस, दुर्घटना बीमा तथा विद्युत विभाग के प्रकरणों का समाधान किया गया। एडवोकेट वशिष्ठ नारायण श्रीवास्तव ने बताया कि इस लोक अदालत में कुल 1316 प्रकरणों का समाधान किया गया। इनमें से 381 प्रकरण बैंक से संबंधित, 218 विद्युत विभाग से, और 529 नगर पालिका से संबंधित थे। कुल मिलाकर इन प्रकरणों के समाधान के माध्यम से 38896637 रुपये का अवार्ड पारित किया गया और 1422 लोग लाभान्वित हुए। लोक अदालत में विभिन्न प्रकार के मामलों की सुनवाई की गई, जिसमें आपराधिक प्रकरणों के 308, एन.आई. एक्ट से संबंधित 113, विद्युत विभाग के 76, वैवाहिक मामलों के 97, मोटर दुर्घटना के 73, और अन्य सिविल प्रकरणों के 126 मामले शामिल थे। इस तरह कुल 3496 व्यक्ति लाभान्वित हुए और 831 प्रकरणों का निराकरण हुआ।