छतरपुर

नौगांव में 36 करोड़ की नलजल योजना:  नलों से आ रहा गंदा पानी, बीमारी का खतरा

8 वर्ष पूर्व मुख्यमंत्री ने नगर को 36 करोड़ की लागत वाली नलजल योजना की सौगात दी थी, जो वर्तमान में जैसे डगमगाने लगी है। दरअसल योजना के तहत जो पानी नालों में सप्लाई किया जा रहा है वह गंदा और दूषित होने के कारण लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है।

छतरपुरJul 15, 2024 / 10:55 am

Dharmendra Singh

फिल्टर प्लांट

छतरपुर/नौगांव. जिले का नौगांव नगर लगभग एक लाख की आबादी वाला है। जहां नगर में रोजाना 46 लाख लीटर पानी की सप्लाई होती है। 8 वर्ष पूर्व मुख्यमंत्री ने नगर को 36 करोड़ की लागत वाली नलजल योजना की सौगात दी थी, जो वर्तमान में जैसे डगमगाने लगी है। दरअसल योजना के तहत जो पानी नालों में सप्लाई किया जा रहा है वह गंदा और दूषित होने के कारण लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है।

पानी में कचरा व कीड़े


जब से नलजल योजना के ठेकेदार ने सप्लाई का कार्य नगर पालिका को सौंपा है तब से नलों दूषित पानी आ रहा है। इतना ही नहीं इस पानी में कीड़े भी निकल रहे हैं। नगरवासी अनिल त्रिपाठी, प्रीतम सिंह, हनीफ मोहम्मद, साहिल, तेजपाल पटेल,अजय सेन, नेहा राजा, रोहनी पाल, साकेत पाठक आदि ने बताया कि नगरपालिका शुद्ध पेयजल देने के नाम पर 163 रुपए जलकर वसूल रही है उसके बावजूद दूषित पानी दिया जा रहा है।

योजना में लग गया पलीता


वर्ष 2015-16 में मुख्यमंत्री ने इस योजना की सौगात थी। जिसके निर्माण और पांच वर्ष तक रख-रखाव के साथ शुद्ध जल सप्लाई की जिम्मेदारी बानको प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी ग्वालियर एवं केजी डेवलॉपर्स भोपाल को दी गई थी। उक्त दोनों कंपनियों की देखरेख में योजना का लाभ लोगों को मिला। फिल्टर प्लांट पर 24 घंटे 1 दर्जन कर्मचारी काम करते थे, जिससे जल सप्लाई निर्बाध रूप से होती रही। लेकिन कंपनी का अनुबंध समाप्त होने के बाद 31 मार्च 2023 को जैसे ही जल सप्लाई का कार्य नगर पालिका के पास आया वैसे ही व्यवस्था गड़बड़ा गई है। बताया गया है कि प्लांट पर मौजूद नपाकर्मी बिना किसी मापदंड के पानी में ब्लीचिंग पाउडर और फिटकरी मिला रहे हैं। नदी से आने वाला पानी फिल्टर प्लांट के एक कुंए में आता है, जहां जल को शुद्ध करने का कार्य किया जाता है, लेकिन इन दिनों ऐसा कुछ नहीं हो रहा है।

लैब के संसाधनों पर जम रही धूल


ठेका कंपनी के कर्मचारी जाने के बाद से पानी सप्लाई से पहले लैब में होने वाली जांच बंद है। जांच के लिए बनाई गई लैब के संसाधनों पर धूल जम गई है। मौके पर मौजूद कर्मचारी ने बताया कि दो कर्मचारी है, जो 12-12 घंटे की ड्यूटी करते हैं। दिन में पानी फिल्टर होता है तो फिटकरी व व्लीचिंग पाउडर मिला देते हैं, रात को नहीं हो पाता है।

गंदा पानी पीने के नुकसान

  1. यदि व्यक्ति गंदे पानी का सेवन करता है तो इसी व्यक्ति को पेट से संबंधित समस्याएं हो सकती हैं। गंदा पानी ना केवल पाचन क्रिया को प्रभावित कर सकता है बल्कि इससे व्यक्ति को उल्टी, दस्त, पेट दर्द आदि समस्याओं का सामना भी करना पड़ सकता है।
  2. गंदे पानी के सेवन से व्यक्ति के दिमाग पर भी नकारात्मक असर पड़ता है। गंदे पानी के सेवन से व्यक्ति को मानसिक समस्याओं का सामना भी करना पड़ सकता है।
  3. गंदे पानी के सेवन से व्यक्ति को डिहाइड्रेशन की समस्या नहीं होती. लेकिन यदि व्यक्ति गंदे पानी का सेवन करता है तो ऐसे में व्यक्ति को डिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है, जिसके कारण बेहोशी, चक्कर आना आदि समस्याएं नजर आ सकती हैं।
  4. यदि व्यक्ति गंदे पानी का सेवन करता है तो इसके कारण से किडनी से संबंधित समस्याओं का सामना भी करना पड़ सकता है. पानी में कैडमियम की मात्रा पाई जाती है ऐसे में इसके सेवन से व्यक्ति को किडनी स्टोन आदि समस्याएं हो सकती हैं।

इनका कहना है


बारिश की वजह से कभी-कभी गंदा पानी आने लगता है। लैब सही स्थिति में है, समय-समय पर पानी की जांच कराई जाती है। फिर भी फिल्टर प्लांट जाकर दिखवाते है, जल्द ही लोगों को स्वच्छ पानी उपलब्ध कराया जाएगा।
अलोक जायससवाल, उपयंत्री, नपा नौगांव

इनका कहना है


दूषित पानी पीने से पेट संबंधी बीमारियां होने की आशंका है, उल्टी, दस्त, डायरिया जैसी बीमारी इसे पीने से हो सकती है।
डॉ. रविन्द्र पटेल, ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर

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