चेन्नई

सही तरीके से मोटिवेट किया जाएं तो राष्ट्रीय स्तर पर चमक सकते हैं तमिलनाडु के कुश्ती खिलाड़ी

सही तरीके से मोटिवेट किया जाएं तो राष्ट्रीय स्तर पर चमक सकते हैं तमिलनाडु के कुश्ती खिलाड़ी- तमिलनाडु अमेचर रेसलिंग एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष एवं समुद्री तट कुश्ती के चेयरमैन डॉ. रोहताशसिंह नांदल की राजस्थान पत्रिका के साथ खास बातचीत

चेन्नईAug 26, 2021 / 11:20 pm

ASHOK SINGH RAJPUROHIT

Dr. ROHTASH sINGH NANDAL

चेन्नई. तमिलनाडु के कुश्ती खिलाड़ियों को यदि सही तरीके से मोटिवेट किया जाएं तो वे राष्ट्रीय स्तर पर चमक सकते हैं। यहां के खिलाड़ी प्रतिभाशाली एवं फुर्तीले है। तमिलनाडु में खेल मैदान समेत आधारभूत ढांचा भी अच्छा है। जरूरत है केवल सरकार के प्रोत्साहन एवं सहयोग की। तमिलनाडु अमेचर रेसलिंग एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष एवं समुद्री तट कुश्ती के चेयरमैन डॉ. रोहताशसिंह नांदल ने तमिलनाडु में कुश्ती की स्थिति को लेकर राजस्थान पत्रिका के साथ खास बातचीत की। पेश हैं बातचीत के प्रमुख अंशः
सवालः देश में हरियाणा में जितना कुश्ती को बढ़ावा दिया जा रहा है, उतना अन्य प्रदेशों में क्यों नहीं ?
जवाबः देश में हरियाणा में कुश्ती का चलन महाभारत काल से है। हरियाणा में बच्चे पैदा होते ही कुश्ती के दांव-पेच सीखने लग जाता है। होली, दिवाली, मेले आदि विभिन्न अवसरों पर कुश्ती की प्रतियोगिताओं का आयोजन होता है। सरकार भी कुश्ती को खूब बढ़ावा दे रही है। इससे समूचे हरियाणा में कुश्ती का माहौल अधिक है।
सवालः कुश्ती के क्षेत्र में तमिलनाडु के पीछे रहने के क्या कारण है ?
जवाबः तमिलनाडु के कुश्ती में आगे नहीं बढ़ने की वजह खिलाड़ियों को कुश्ती के प्रति मोटिवेट नहीं करना रहा है। कॉर्पोरेट स्तर पर भी इतना बढ़ावा नहीं है। सरकार का भी कुश्ती पर ध्यान कम है। हालांकि पिछले कुछ वर्षों से तमिलनाडु में कुश्ती के प्रति मानसिकता बदली है। स्कूल व कॉलेज स्तर पर भी कुश्ती को बढ़ावा दिया जाने लगा है।
सवालः तमिलनाडु को राष्ट्रीय स्तर पर कैसे पहचान मिलेगी ?
जवाबः तमिलनाडु को कुश्ती के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाने में कुछ समय लग सकता है। जितना उत्तरी राज्यों में कुश्ती को लेकर माहौल है उतना दक्षिण में कम देखने को मिलता है। अभी तमिलनाडु के नौ खिलाड़ी एनआईएस क्वालीफाई हुए है। इससे भी कुश्ती को लेकर लोगों में चाव बढ़ेगा।
सवालः तमिलनाडु में कुश्ती को कैसे बढ़ावा मिल सकता है ?
जवाबः तमिलनाडु के खिलाड़ियों में अधिक स्पीड व करंट है। अधिकांश खिलाड़ी मांसाहारी है। दक्षिण में अच्छे खिलाड़ी है। यदि इन खिलाड़ियों को सही मार्गदर्शन मिल जाएं तो ये बहुत आगे बढ़ सकते हैं।
सवालः तमिलनाडु में समुद्र तटीय कुश्ती की क्या स्थिति है ?
जवाबः देश में पहली बार समुद्र तटीय कुश्ती का आयोजन तमिलनाडु में हो रहा है। भारत में यह नया है। वैसे विश्व में पहले से खेला जा रहा है। तुर्की में 2006 में पहली समुद्र तटीय कुश्ती हुई थी। इसके बाद से हर साल किसी न किसी देश में समुद्र तटीय कुश्ती का आयोजन हो रहा है। यूरोप के कई देशों में नियमित रूप से इस तरह की कुश्ती खेली जा रही है।
सवालः ओलंपिक में समुद्री तटीय कुश्ती कब तक शामिल होगी ?
जवाबः अभी समुद्र तटीय कुश्ती ओलंपिक में शामिल नहीं है। इसके लिए प्रयास चल रहे हैं। संभवत 2024 के पेरिस ओलंपिक में समुद्र तटीय कुश्ती को शामिल कर लिया जाएगा। समुद्र तटीय कुश्ती के लिए वर्तमान में वर्ल्ड बीच गेम एवं वर्ल्ड गेम का आयोजन नियमित रूप से हो रहा है।
सवालः लॉकडाउन के चलते खेल गतिविधियां कितनी बाधित रही ?
जवाबः लॉकडाउन के दौरान देशभर में खेल गतिविधियां बाधित रही थी। खेल मैदान बन्द थे। इस कारण तमिलनाडु में भी कुश्ती को लेकर कोई आयोजन नहीं हो सके थे। खेल के लिहाज से देखा जाएं तो तमिलनाडु में अच्छा आधारभूत ढांचा है। अच्छे खेल मैदान है।

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