चुनाव आयोग को खबर मिली थी कि मतदाताओं में बांटने के लिए कुछ जगहों पर बड़ी मात्रा में नकदी जुटाई गई है। इस मुखबिरी पर कोंडीतोप और ओटेरी समेत पांच जगहों पर तीस से अधिक आयकर विभाग के अधिकारियों की टीम ने मंगलवार को छापेमारी की। यही कार्रवाई राज्य के अन्य हिस्सों में भी हुई। इसमें अधिकारियों ने चार करोड़ की बेहिसाब नकदी पकड़ी।विभागीय सूत्रों के अनुसार चेन्नई से 2.60 करोड़, सेलम से 70 लाख, तिरुचि से 55 लाख और वाहन जांच से करीब 40 लाख रुपए पकड़े गए। जांच में पता चला कि इन राशि को लेकर कोई पुख्ता दस्तावेज नहीं थे और न ही ये रकम बहीखातों में दर्ज थी। चुनाव आयोग को इस बारे में इत्तिला कर दी गई है। अब इस एंगल से जांच की जा रही है कि इतनी बड़ी रकम का इंतजाम क्यों और किसलिए किया गया? क्या इसके पीछे किसी राजनीतिक दल अथवा प्रत्याशी का हाथ है?