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कुछ जिलों में भले ही आफत…मगर औसत बारिश का आंकड़ा दूर

चेन्नई. इसे विडबना ही कहा जाएगा कि रामनाथपुरम में दस घंटे में करीब 164 सेमी बरसात होने के बाद भी पूर्वोत्तर मानसून से तमिलनाडु को अभी तक औसत पानी नहीं मिल पाया है। यह बात और है कि दक्षिणी जिलों में हो रही मूसलाधार बारिश ने किसानों की आंखों में पानी ला दिया है। कावेरी डेल्टा […]

चेन्नईNov 28, 2024 / 12:03 pm

P S VIJAY RAGHAVAN

Norht East Monsoon in TN
चेन्नई. इसे विडबना ही कहा जाएगा कि रामनाथपुरम में दस घंटे में करीब 164 सेमी बरसात होने के बाद भी पूर्वोत्तर मानसून से तमिलनाडु को अभी तक औसत पानी नहीं मिल पाया है। यह बात और है कि दक्षिणी जिलों में हो रही मूसलाधार बारिश ने किसानों की आंखों में पानी ला दिया है। कावेरी डेल्टा जिलों तिरुवारूर, नागपट्टिनम और मईलाडुदुरै में खड़ी फसलें डूब गई हैं। जबकि चक्रवात फेंगल के मद्देनजर गत चार दिनों से समंदर से बाहर डेरा डाले बैठा मछुआरों के भी खाने के फांके पड़ गए हैं।
बता दें कि तमिलनाडु में पूर्वोत्तर मानसून से राज्य को इसकी आवश्यकता का 45 फीसदी पानी मिलता है। तमिलनाडु के अधिकांश जलस्रोत भर चुके हैं। जल संसाधन विभाग का दावा है कि आगामी गर्मी में पेयजल का संकट शायद नहीं होगा। लेकिन जिस हिसाब से पानी और पाला गिरना शुरू हुआ है, गर्मी की भीषणता को नकारा नहीं जा सकता है। ऐसे में जल वाष्पीकरण की वजह से जलस्रोतों के शीघ्र सूखने की नौबत भी आ सकती है। इस लिहाज से मानसून के मौसम में बारिश का समान वितरण आवश्यक है। फिलहाल, कुछ जिलों को छोड़कर अन्य जिलों में बारिश का स्तर कम ही है।
मौसम विभाग के अनुसार इस सीजन में 1 अक्टूबर से 27 नवबर सुबह आठ बजे तक दर्ज बारिश के तहत 342.1 मिमी पानी गिरा है जबकि इस अवधि का औसत 347.2 मिमी है।

18 जिलों में सामान्य से अधिक बारिश
कोयबत्तूर, रामनाथपुरम, नागपट्टिनम, पुदुकोट्टै, शिवगंगा, तिरुपत्तूर और तिरुपुर समेत 18 जिलों में औसत से लगभग तीस प्रतिशत अधिक बारिश हुई है। इसमें कोयबत्तूर में सर्वाधिक पचास प्रतिशत से अधिक बारिश हुई। कोयबत्तूर में 286.9 मिमी के मुकाबले 434.4 मिमी बरसात हुई है। इन जिलों में अधिक बारिश का ही नकारात्मक असर किसानों पर पड़ा है जिनकी हजारों एकड़ की फसलें जलमग्न हैं।
वहीं, चेन्नई, चेंगलपेट, तिरुवल्लूर और कांचीपुरम जिलों को और पानी चाहिए। चेन्नई जिले में 612.9 मिमी बारिश हुई जो तीन प्रतिशत नेगेटिव है। वहीं चेंगलपेट में औसत बारिश से छब्बीस प्रतिशत कम बारिश हुई है। इस दृष्टि से कांचीपुरम ज्यादा सूखा है जो औसत से बारिश का विचलन 39 प्रतिशत ऋणात्मक है। लोगों का मानना है कि फेंगल चक्रवाती तूफान से होने वाली बरसात के बाद चेन्नई और आस-पास के जिलों में पर्याप्त पानी आ जाएगा। वैसा पिछली बरसातों से आस-पास के जलस्रोतों में ठीक-ठाक पानी है।
Norht East Monsoon in TN

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