आम तोडऩे के लिए सात साल के बच्चे को छह घंटे तक बंधक में रखा
तिरुवन्नामलै. दो आम तोडऩे के लिए एक सात साल के बच्चे को सब्जी व्यापाारी द्वारा छह घंटे से अधिक समय तक कथित बंधक में रखने का मामला सामने आया है। मामला नेहरू नगर के एक गार्डेन का है। लड़के के चाचा चिन्नरसू ने बताया कि मेरे भाई का बड़ा लड़का दुरुवन स्कूल जा रहा था। उसने स्कूल के रास्ते में पडऩे वाले एक बगीचे से दो आम तोड़े। वह बगीचा सिगामनी मुदलियार (55) का है। लड़के के आम तोडऩे के बाद सिगामनी ने गुस्से में बच्चे को थप्पड़ मारा और उसे अपने गार्डेन में छह घंट तक बंधक बनाके रखा। उसने बच्चे को छोडऩे के लिए 10,000 रुपए की मांग रखी। लड़के की दादी और चाचा ने क्षमा भी लेकिन उसने बच्चे को छह घंटे तक पकड़े रखा। चिन्नरसू ने बताया कि इस घटना की सूचना चेंगम पुलिस स्टेशन में दी गई। सब इंस्पेक्टर जयराम के नेतृत्व में पुलिस अधिकारी घटना स्थल पर पहुंचे लेकिन उन्होंने सिगमनी के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की। पुलिस ने मुझे और मेरी मां को धमकी दी कि उनके विरुद्ध फर्जी मामले दर्ज किए जाएंगे। एसआई ने इस बात पर जोर दिया कि हम सिगमनी के द्वारा मांगी कई राशि का भुगतान करें। ऐसा नहीं करने पर हम पर फर्जी मामले दर्ज करने की धमकी दी गई। इंस्पेक्टर ने कहा कि हम तुम्हारे ऊपर गार्डेन में बंधे सिगमनी के पशु चुराने की कोशिश करने का दावा करते हुए मुकदमा दर्ज करेंगे। हालांकि शाम 4 बजे दुरुवन को छोड़ दिया गया। उसके परिवार के सदस्यों ने कहा कि वे सोमवार को इस मामले को लेकर तिरुवन्नामल्लै पुलिस अधीक्षक के यहां याचिका दायर करेंगे। उनका कहना है कि चेंगम पुलिस अधिकारियों ने पक्षपातपूर्ण तरीके से जांच की है। तिरुवन्नामल्लै पुलिस अधीक्षक कार्यालय के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार इस मामले की त्वरित जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी। गौरतलब है कि 29 वर्षीय शक्तिवेल और कुमुदा (25) चेंगम टाउन के रहने वाले हैं। उनके दो बेटे और दो बेटियां हैं। छह महीने पहले नौकरी की तलाश में दोनों केरल चले गए। दुरुवन समेत बच्चों को शक्तिवेल की मां चिन्नप्पा तथा छोटे भाई चिन्नारसू के पास छोड़ गए।