पहले चरण में मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने प्रभावित परिवारों को राशन कार्ड के जरिए छह-छह हजार रुपए की वित्तीय मदद देने का ऐलान किया था। चेन्नई और निकटवर्ती जिलों में इनका वितरण हो चुका है। दक्षिणी जिलों में राहत वितरण जारी है। उसी वक्त आमजन, किसानों, फुटकर दुकानदारों और मछुआरों को दिए जाने वाले अनुदान की भी घोषणा हुई थी। इसी क्रम में मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने एक हजार करोड़ का राहत पैकेज घोषित किया है।
क्षतिग्रस्त घरों का निर्माण कराएगी सरकार
भारी बरसात से आठ जिलों में हजारों घर आंशिक और पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हुए हैं। सरकार ने इनके पुनर्निर्माण और मरम्मत के लिए 385 करोड़ रुपए मंजूर किए है। मुख्य रूप से तिरुनेलवेली और तुत्तुकुडी जिलों में, सरकार क्षतिग्रस्त हुए घरों का पुनर्निर्माण करेगी और आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त घरों की मरम्मत कराएगी। ग्रामीण विकास विभाग के माध्यम से पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त मकानों के पुनर्निर्माण के लिए 4 लाख रुपए और आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त मकानों की मरम्मत के लिए 2 लाख रुपए दिए जाएंगे। यह योजना तिरुवल्लूर, कांचीपुरम और चेंगलपेट जिलों में लागू की जाएगी। इस योजना के माध्यम से, 4,577 घरों का पुनर्निर्माण किया जाएगा और 9,975 घरों की मरम्मत होगी जो आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए थे। योजना का पूरा खर्च सरकार से स्वयं वहन करेगी।
किसानों को 250 करोड़ की क्षतिपूर्ति
मुख्यमंत्री ने घोषणा में कहा कि उन आठ जिलों में किसानों को राहत के रूप में 250 करोड़ की मदद दी जाएगी, जहां बाढ़ के कारण 2.64 लाख हेक्टेयर में खड़ी फसल खराब हो गई थी। जिन किसानों की फसल बर्बाद हुई है, उन्हें कृषि उपकरण खरीदने के लिए सहकारी समितियों के माध्यम से प्राथमिकता के आधार पर ऋण भी दिया जाएगा। तुत्तुकुडी और तिरुनेलवेली जिलों में, बाढ़ के बाद कृषि भूमि पर रेत की मोटी परत छूट गई है, राज्य कृषि अभियांत्रिकी विभाग इस परत को निःशुल्क हटाएगा। इसके लिए अन्य जिलों से उपकरणों की व्यवस्था की जाएगी।