चेन्नई

देश में रोज 18 करोड़ अंडों का उत्पादन, अकेले नामक्कल का योगदान 6 करोड़

मुर्गीपालन का हब बन रहा नामक्कल, मालदीव व अफ्रीकी देशों में हर महीने एक करोड़ अंडों का निर्यात, कतर में विश्व कप फुटबाल के चलते बढ़ी डिमांड

चेन्नईNov 14, 2022 / 10:53 pm

ASHOK SINGH RAJPUROHIT

Poultry production in Namakkal

देश में रोजाना 18 करोड़ अंडों का उत्पादन होता है। इसमें से अकेले तमिलनाडु के नामक्क्ल जिले का योगदान एक तिहाई है यानी 6 करोड़ अंडों का उत्पादन नामक्कल में हो रहा है। नामक्कल देश में मुर्गीपालन का हब बन रहा है। यहां के पोल्ट्री हब से खाड़ी देशों में अंडे के निर्यात को बढ़ावा मिला है। दुबई, कतर और ओमान जैसे आयातक देशों ने वैकल्पिक बाजारों की तलाश शुरू कर दी है। रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद वैश्विक मुद्रास्फीति ने तुर्की से आयात को महंगा बना दिया है। ऐसे में अंतरराष्ट्रीय बाजार में तुर्की से आने वाले अंडों की कीमतों में तेज वृद्धि नामक्कल में मुर्गीपालन किसानों के लिए वरदान साबित हुई है। यहां तक कि निर्यात के और बढ़ने की भी संभावना है क्योंकि कतर में विश्व कप फुटबॉल ने भी अंडों की मांग को बढ़ा दिया है। मालदीव और अफ्रीकी देशों को निर्यात एक करोड़ पार पहुंच चुका है।
मांग को पूरा करने के लिए उत्पादन बढ़ाने की क्षमता
नामक्कल में मुर्गीपालन किसानों के पास निर्यात बाजार से किसी भी मांग को पूरा करने के लिए उत्पादन बढ़ाने की क्षमता है। यूरोपीय देशों द्वारा निर्धारित मानदंडों से मेल खाने के लिए उत्पादन मानकों में सुधार के प्रयास भी किए गए हैं, जहां भूरे रंग के अंडे प्रचलित हैं। लेकिन सख्त लाइसेंस नियमों के कारण केंद्र सरकार के कुछ सहयोग से ही यह संभव हो सका।
किसान अलग जोन की मांग कर रहे
अंडा निर्यात को और बढ़ाने के लिए मुर्गीपालन किसान प्रत्येक राज्य के अलग-अलग ज़ोनिंग की मांग कर रहे हैं। हालांकि नामक्कल में बर्ड फ्लू का कोई प्रकोप नहीं हुआ है, लेकिन पोल्ट्री किसानों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ा है क्योंकि पूरे देश को आयात करने वाले देशों द्वारा एक क्षेत्र के रूप में माना जाता है। केरल या कहीं और एवियन इन्फ्लूएंजा का प्रकोप नामक्कल पर भारी पड़ता है। इसलिए किसान तमिलनाडु को एक जोन घोषित करने की मांग कर रहे हैं।

अंडों की उत्पादन लागत में वृद्धि
तुर्की से अंडों की कीमतें पिछले महीने बढ़कर दुगुनी हो गई। रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद मुर्गीपालन फीड और कच्चे माल की कीमत में वृद्धि के कारण अंडों की उत्पादन लागत में तेजी से वृद्धि हुई। नामक्कल के अंडों के एक बॉक्स की कीमत 30 डॉलर से कम है, इसलिए खरीदारों ने हम पर प्राथमिकता बदलनी शुरू कर दी है। इस तरह के बदलते बाजार परिदृश्य ने नामक्कल अंडे के निर्यात की मांग को बढ़ा दिया है।
– के सिंगाराज, अध्यक्ष, तमिलनाडु एग पोल्ट्री फार्मर्स एसोसिएशन।

बर्ड फ्लू का असर
मध्य पूर्व के राष्ट्र नए बाजार नहीं है और लगभग छह साल पहले तक नामक्कल से बड़ी मात्रा में अंडे वहां भेजे जाते थे। निर्यात जो एक अवधि में बढ़ना चाहिए था, बल्कि बर्ड फ्लू सहित विभिन्न मुद्दों के कारण घट गया था। नामक्कल में मुर्गीपान किसानों को घरेलू बाजार में पिछले दो वर्षों में अंडे की बिक्री मूल्य से अधिक उत्पादन लागत के कारण गंभीर नुकसान हुआ था। पोल्ट्री किसानों को हुए नुकसान की भरपाई में दो साल तक का समय लग सकता है। इस तरह के नुकसान के पीछे पोल्ट्री फीड की लागत में वृद्धि को एक प्रमुख कारण माना जाता है।
– वांगिली सुब्रमण्यन, अध्यक्ष, तमिलनाडु एग मार्केटिंग सोसाइटी।

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